लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां एक ओर सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों को चिन्हित कर उन पर भर्ती करने के निर्देष दिए हैं वहीं अब वह अपने मंत्रिमण्डल के रिक्त पड़े पदों को भी भरने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल हाल में योगी मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों की कोरोना के चलते मृत्यु हो गयी थी। जिसके कारण योगी मंत्रिमण्डल में अब वर्तमान में कुल 54 मंत्री ही हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उप चुनाव में मिली सफलता के बाद अब योगी मंत्रिमण्डल का विस्तार जल्द ही होगा। जिसमें कुछ नए चेहरों को मंत्रिमण्डल में शामिल किया जा सकता है। वहीं यह भी संकेत मिल रहे हैं कि कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि योगी मंत्रिमण्डल में वर्तमान समय में मुख्यमंत्री को लेकर कुल 54 मंत्री हैं। इनमें 23 काबीना, नौ स्वतंत्र प्रभार तथा 22 राज्यमंत्री हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। जिसमें स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों को प्रोन्नत करने के साथ ही चार-पांच नये चेहरों को मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है। विदित हो कि दो कैबिनेट मंत्रियों चेतन चैहान तथा कमल रानी वरुण के निधन के बाद से जगह खाली ही है। प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव की तैयारी के क्रम में भी अब प्रदेश की भाजपा सरकार का यह अंतिम मंत्रिपरिषद का विस्तार होगा। इसमें न केवल जातीय समीकरणों के हिसाब से समायोजन होगा, बल्कि क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने की कोशिश होगी।
उप चुनाव में अमरोहा के नौगावां सादात क्षेत्र से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चेतन चैहन की पत्नी संगीता चैहान जीत गईं। बुलंदशहर में दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही भी उपचुनाव जीत गईं। इन दोनों में से किसी एक मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं युवा विधायकों को मौका मिल सकता है। याद हो कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल तथा आबकारी राज्यमंत्री अर्चना पाण्डेय को हटा दिया था।