पटना, बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद एक बार फिर एनडीए के नेतृत्व में नीतीश सरकार सत्तारूढ़ होने जा रही है। वहीं 43 सीटों के साथ जेडीयू के तीसरे नंबर पर जाने के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान पर नजर टेढ़ी कर चुके हैं। नीतीश कुमार ने भाजपा को साफ संकेत दे दिया है कि चिराग पासवान को केंद्र सरकार से बाहर करने पर फैसला लिया जाए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बने रहने के बारे में केवल भाजपा ही फैसला कर सकती है। लोक जनशक्ति पार्टी ने इस बार एनडीए से अलग होकर अकेले बिहार चुनाव लड़ा था और अनेक सीटों पर इसके कारण जेडीयू को नुकसान उठाना पड़ा। कुमार ने कहा कि बिहार विधान चुनाव 2020 में एनडीए को बहुमत प्राप्त हुआ है और शुक्रवार को एनडीए की बैठक होगी तथा औपचारिक तौर पर गठबंधन के नेता की घोषणा होगी। चुनाव में एनडीए की जीत के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘शपथग्रहण समारोह की तारीख अभी तय नहीं की गई है। शुक्रवार को चारों घटक दलों की बैठक में चर्चा कर सभी चीजें तय की जाएंगी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या आप केंद्र में एनडीए से एलजेपी को हटाने के लिए बीजेपी से कहेंगे, कुमार ने कहा, ‘आप ऐसा सुझाव दे सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह तो बीजेपी को निर्णय लेना है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है।’ मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘एनडीए की बैठक होगी तो उसमें ही तय हो जाएगा, इसमें हम लोगों को क्या कहना है और इसके बाद औपचारिक घोषणा हो जाएगी।’ गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 43 सीट प्राप्त हुई हैं, जबकि 2015 के चुनाव में उनकी पार्टी को 71 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस चुनाव में बीजेपी को 74 सीट मिली हैं। सरकार के कार्यक्रम के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब सरकार बनती है तब आगे का कार्यक्रम तय होता है।
एनडीए की बैठक के बाद आपस में बातचीत करके ही एक-एक चीज तय की जाएगी कि क्या करना है। मंत्रियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों में इसकी सीमा पहले से ही निर्धारित है। अब कितने मंत्री पहले दौर में और उसके बाद बनते हैं, यह तो बाद की चीज है। उन्होंने कहा, ‘एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत है। सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है। बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया है।’ नीतीश ने कहा, ‘हमने कभी भी अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के साथ समझौता नहीं किया। इसमें कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। मेरे पदभार संभालने के बाद कोई दंगा नहीं हुआ है।’ उन्होंने कहा, ‘हम लोगों ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया और उसके बाद भी कोई भ्रम पैदा करता है और लोग भ्रमित होते हैं तो यह उनका अधिकार है।’
‘मोदी के हनुमान’ का क्या अब केंद्र से भी कट जायेगा पत्ता
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