नई दिल्ली, महंगाई की पिच पर वैसे तो दालें, तेल और हरी सब्जियां भी उछल रही हैं पर आम आदमी के किचन के बजट को सबसे ज्यादा बिगाड़ रहे हैं आलू, प्याज और टमाटर के दाम। आलू और प्याज का विकेट गिराने के लिए मोदी सरकार ने भी अब काफी कड़ी फिल्डिंग सजाई है। प्याज के भंडारण की सीमा निर्धारित करने से लेकर उसके निर्यात तक पर प्रतिंबध लगाया चुका है। अब मोदी सरकार आलू की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को काबू में लाने के लिए भूटान से 30,000 टन आलू का आयात करने जा रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 7,000 टन प्याज का आयात किया जा चुका है, दिवाली से पहले इसकी 25,000 टन खेप और आने की संभावना है। सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन दिनों तक प्याज 65 से 66 रुपये किलो पर टिका हुआ है। गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि देश में नई फसल जल्द आ जाएगी और प्याज के दाम और कम हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्टॉक लिमिट 23 अक्टूबर से ही लगा दी गई। बता दें सरकार ने प्याज बीजों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगा दी है। घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में उछाल के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। अभी इसके निर्यात पर नियंत्रण लगे हुए थे और बिना लासेंसे लिए इसका निर्यात नहीं किया जा सकता था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज बीज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है। भारी बारिश की वजह से प्याज की खरीफ की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है। इससे पिछले कुछ सप्ताह के दौरान प्याज का भाव 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है। व्यापारियों को भंडारण सीमा की वजह से बाजार में प्याज निकालने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके चलते उन्हें तीन दिन का समय देने का फैसला किया गया है। कीमतों पर अंकुश तथा घरेलू आपूर्ति बढ़ाने तथा संभावित जमाखोरी रोकने के मकसद से प्याज भंडारण की सीमा लगाई गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ”थोक और खुदरा व्यापारियों की जरूरत को देखते हुए मंडियों में प्याज की खरीद की तारीख से ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए तीन दिन का समय देने का फैसला किया गया है। इसके बाद भंडारण की सीमा लागू होगी।