हाथरस केस में फर्जी भाभी को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन ने नोटिस भेजकर जबाव मांगा

जबलपुर, हाथरस केस में पीड़िता की फर्जी रिश्तेदार बनकर रहने वाली महिला राजकुमारी बंसल को जबलपुर मेडिकल कॉलेज ने नोटिस भेजा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में सामने आने के बाद से जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार ने नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। कसार ने कहा है कि एक शासकीय सेवक के किसी भी तरह के आंदोलन में शामिल होने को कदाचार माना जाएगा।
कसार ने बताया कि इसमें पहले राजकुमारी बंसल को नोटिस भेजा गया है। इसके बाद उनके खिलाफ शासन के नियमों के मुताबिक कार्रवाई भी की जाएगी। इस बीच राजकुमारी बंसल के खिलाफ पूर्व में जारी प्रशासन का एक नोटिस भी वायरल हो रहा है। तब राजकुमारी डिंडौरी जिला चिकित्सालय में तैनात थीं। साल 2015 में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अपर संचालक (प्रशासन) शैलबाला मार्टिन द्वारा जारी इस नोटिस में बताया गया है कि वह लंबे समय तक बिना कारण बताए ड्यूटी से अनुपस्थित थीं। मार्टिन ने सिविल सर्जन अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय डिंडौरी के 29 मई 2014 को लिखे पत्र का हवाला देकर राजकुमारी बंसल पर आरोप तय किए थे और उन्हें 10 दिन के भीतर जवाब तलब किया था। फिलहाल, राजकुमारी बंसल हाथरस केस में अपनी संदिग्ध भूमिका को लेकर चर्चा में हैं। उन पर नक्सली होने के आरोप लग रहे हैं।
बता दें कि शनिवार को हाथरस कांड में मीडिया में रिपोर्ट आई कि गैंगरेप पीड़िता के घर पर फर्जी रिश्तेदार बनकर एक महिला रह रही थी। महिला के ऊपर नक्सली होने और परिवार को राज्य सरकार के खिलाफ भड़काने के आरोप लगाए गए। इस बीच सोशल मीडिया पर #फेक नक्सल भाभी भी ट्रेंड होने लगा। इसके बाद महिला ने खुद सामने आकर अपनी पहचान बताकर कहा है कि वह परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी। सोशल मीडिया पर वायरल विडियो में महिला सीपीएम और सीपीआई नेताओं से बात करती दिख रही थी। इसी आधार पर दावा किया गया कि महिला का नक्सल कनेक्शन है। महिला की पहचान डॉ.राजकुमारी बंसल (41) के रूप में हुई थी, जो मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के फर्माकॉलजी विभाग में लेक्चरर है। महिला ने बताया कि वह पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस गई और 6 अक्टूबर को जबलपुर लौट आई।
महिला ने कहा,मैं केवल परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी। मैं अगले दिन ही वापस आना चाहती थी लेकिन परिवार ने मुझसे रुकने की गुजारिश की। आज मैं हैरान हूं। यह बिल्कुल गलत है। वे लोग बिना किसी सबूत के किसी को कैसे नक्सली बोल सकते हैं?’ वहीं दूसरी ओर मामले में पीड़ित परिवार का कहना है कि वह अफवाहों से थक चुके हैं। कभी कॉल डीटेल रिकॉर्ड से परिवार और आरोपी के बीच कनेक्शन साबित करने की कोशिश जा रही है। तो कभी आरोपी जेल से पत्र लिखकर खुद को पीड़िता का दोस्त बता रहा है और पीड़िता के परिवार पर ही उसे पीटने का आरोप लगा रहा है। पीड़िता की भाभी ने कहा, ‘यहां हर जगह से लोग आ रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि उन्हें गाली दी जाए और षडयंत्र रचने का आरोप लगाया जाए। हम सभी हमारी लड़की के लिए न्याय चाहते हैं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *