राहुल राम ने इंडियन ओशेन के साथ अपने गायन के 30 साल पूरे किये

मुंबई, गायक और बास गिटारिस्ट राहुल राम को इंडियन ओशेन के साथ अपने 30 साल पूरा हो गए हैं। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में बैंड उनके जीवन का केंद्र बिंदु बन गया है। यह याद करते हुए कि शुरुआती दिनों में वे शायद ही कोई शो पाने में कामयाब रहे और 1991, 1992, 1993 और 1994 में कुल सात शो ही मिले और उनसे शायद 95,000 रुपये की कुल कमाई हुई। उन्होंने हंसते हुए कहा कि “स्पष्ट है कि हम यह प्रेमवश कर रहे थे, न कि पैसों के लिए। हम कहीं भी जाते, तो लोगों ने हमेशा अधिक की मांग की। मुझे लगता है कि यही वह चीज है, जो हमें आगे बढ़ा रहा है।” राम ने आगे कहा कि इंडियन ओशेन अभी भी चल रहा है, क्योंकि इसके सदस्य एक साथ आने के पहले से ही वयस्क थे। उन्होंने कहा कि अधिकांश बैंड अहंकार के कारण टूट जाते हैं, क्योंकि लोग अब एक दूसरे के साथ अधिक तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। यहां तक कि जो लोग कॉलेज में एक साथ परफॉर्म करने के बाद पेशेवर बनते हैं, वे भी शायद ही कभी 10 से अधिक सालों तक टिक पाते हैं। बेशक ‘परिक्रमा’, ‘यूफोरिया’ और कुछ अन्य बैंड एक अपवाद हैं। इसलिए मुझे लगता है, उम्र एक बड़ा फैक्टर है जो परिवर्तन लाता है और यह बात कि हम जो कुछ कर हैं, वह प्रेमवश कर रहे हैं, जैसे नई ध्वनियों का प्रयोग और उनका निर्माण करना। राम ने कहा कि “उनकी अब कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है। प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, आपको बड़े स्टूडियो की आवश्यकता नहीं है, और साउंडक्लाउड के साथ घर पर बहुत सारी चीजें खुद कर सकते हैं। निश्चित रूप से इसमें बहुत अधिक भीड़ भी है, क्योंकि अब कोई भी इस स्पेस में एल्बम कट कर सकता है। हमारे लिए एक अच्छी बात है कि लोग हमारे बारे में पहले से ही जानते हैं, इसलिए हमें संघर्ष नहीं करना है। लेकिन यहां तक कि पश्चिमी संगीतकारों का कहना है, कि समकालीन मॉडल को जीवित करने के लिए, आपको पैसा बनाने के लिए स्वस्थ रहना, भ्रमण करना और प्रदर्शन करना होगा। सिर्फ डाउनलोड्स से पैसे नहीं बनते हैं।” बता दें कि राम ने ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘पीपली लाइव’, और ‘मसान’ जैसी फिल्मों के साथ बॉलीवुड में कियाहै।

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