पुरुषोत्तम शर्मा का आईपीएस एसोसिएशन और डीजीपी को पत्र, थोड़ी-सी शर्म बची हो तो मुख्यमंत्री को ज्ञापन दो

भोपाल, मध्य प्रदेश में पत्नी की पिटाई मामले में निलंबित डीजी रैंक के अफसर पुरुषोत्तम शर्मा ने आईपीएस एसोसिएशन और डीजीपी को सख्त लहजे में पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि थोड़ी-सी शर्म बची हो तो मुख्यमंत्री को ज्ञापन दें। अब तक कितने आईएएस और आईपीएस के आपत्तिजनक वीडियो आ चुके हैं, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं की गई। मैंने तो अपनी रक्षा में पत्नी का सामना किया।
उन्होंने कहा कि मामले में जांच तक नहीं की गई है। मैंने समय पर जवाब दिया। उसके बाद तथ्यों को बिना जांचे सिर्फ फैसला कर दिया गया है। शर्मा ने कहा कि उन्होंने गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है।
फिर कहा पुरुष प्रताडऩा का मामला
पुरुषोत्तम ने गृह विभाग को भेजे जवाब में बताया था कि यह मामला उनको प्रताडि़त करने वाला है। यह न तो घरेलू हिंसा का केस है और न ही महिला उत्पीडऩ का, बल्कि ये पुरुष प्रताडऩा का केस है। मैं फिर दोहराता हूं कि यह पुरुष प्रताडऩा का केस है। मेरी व्यवसायिक छवि को बिगडऩे की साजिश है। शर्मा का कहना है कि अब तक किसी अधिकारी पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ उन्हीं पर बिना किसी ठोस कारण के कार्रवाई कैसे की गई।
-इस तरह कार्रवाई सही नहीं
शर्मा ने दूसरे अफसरों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में एक दो नहीं, कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के वीडियो वायरल हुए हैं। कोई पैसे लेते हुए तो कोई किसी महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया। लेकिन कभी कुछ नहीं हुआ। मेरा तो सिर्फ घर का विवाद है। वह भी कोई गंभीर नहीं है।
-गृह विभाग ने जवाब संतोषजनक नहीं पाया
गृह विभाग ने निलंबन आदेश में लिखा कि 27 सितंबर को शर्मा का वीडियो वायरल हुआ। इस संबंध में 28 सितंबर को नोटिस जारी किया गया। उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन के समय शर्मा पुलिस मुख्यालय में रहेंगे।
-शिकायत कोई नहीं है, कार्रवाई कर दी
शर्मा ने कहा कि अब तक इस मामले में कोई शिकायत नहीं है। पत्नी पर हमला अपने बचाव में किया था। उसने भी कोई शिकायत नहीं की। बेटे ने वीडियो वायरल किया लेकिन वह भी अब शिकायत नहीं चाहता। ऐसे में सिर्फ मीडिया ट्रायल के नाम पर एक अधिकारी का निलंबन किया जा सकता है।

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