जबलपुर, हालांकि प्रशासन ने अब तक कालेजों में कक्षाओं की शुरूआत करने का ऐलान तो नहीं किया पर ऑन लाइन क्लास लगाने का फरमान जारी हो गया है। इस फरमान के बीच रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय धर्म संकट में फंसा नजर आ रहा है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय सहित सभी कॉलेजों में अक्टूबर से नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित होंगी। लेकिन, अभी तक जिले में करीब 60 फीसदी कॉलेजों में इसकी तैयारी ही नहीं हुई है। न तो कॉलेजों को तकनीकी रूप से अपग्रेड किया गया है न ही प्राध्यापकों को। यदि अक्टूबर से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो भी जाती हैं तो वे औपचारिकता तक सीमित रहेंगी। वजय यह है कि आने वाले समय में विवि के 200 प्राध्यापक सेवा निवृत्त्त होने वाले हैं। जब प्राध्यापक ही नहीं रहेंगे तो ऑन लाइन पढ़ाई करायेगा कौन?
बिना प्रशिक्षण पढ़ाई की तैयारी
जानकारी के अनुसार ऑनलाइन टीचिंग के लिए प्राध्यापकों को प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है। जबकि यह कार्य लीड कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय स्तर पर किया जा सकता था। कोरोना संक्रमण काल के कुछ माह इसी सोच-विचार में गुजर गए।
कॉलेजों में नहीं कम्युनिकेशन लैब
जिले के अधिकांश कॉलेजों में कम्युनिकेशन लैब नहीं है। ऑडियो विजुअल वीडियो, स्क्रिप्ट तैयार करने जैसी तकनीकी और व्यावहारिक समस्याएं भी हैं। उधर, कुछ कॉलेजों में कम्प्यूटर लैब होने के बाद भी सदुपयोग नहीं हो रहा है। विश्वविद्यालयों में करीब १५० और कॉलेजों में ७० से अधिक प्राध्यापक सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं। जिले में ही 60 प्राध्यापकों की नई नियुक्ति होनी है।
निजी कॉलेजों में शिक्षण का जिम्मा चार-पांच प्राध्याकों पर है। विवि बनाएगा ऑनलाइन टीम रादुविवि प्रशासन ऑनलाइन टीचिंग के लिए ऑनलाइन टीम गठित करेगा। टीम कोर्स मटेरियल तैयार कर छात्रों तक भेजेगी। कोराना संक्रमण काल के दौरान करीब ३ लाख एसएमएस किए गए थे तो वहीं करीब १.२५ छात्रों को वाटसऐप ग्रुप से जोड़ा गया।