आशा दोहरे को उम्मीदवार बनाने से नाराज होकर रमेश इटोरिया ने छोड़ा पंजे का साथ फिर बसपा में लौटे

अशोकनगर,वरिष्ठ कांग्रेस रमेश इटोरिया ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भेज दिया है। इस्तीफा देने के पीछे कारण उन्होंने उपेक्षा को बताया है। पार्टी में दलित वर्ग का रहे रमेश इटौरिया ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कई बार से अशोकनगर आरक्षित सीट से टिकिट मांगते रहे इटौरिया ने इस्तीफे के बाद जारी प्रेस नोट में कोंग्रेस पर उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। साथ ही पार्टी द्वारा अनुसूचित जाति के हितों के साथ खिलवाड़ करने की बात कही है। उन्होने कांग्रेस छोड़ फिस से बसपा का दामन थाम लिया है। किसी समय बसपा की और से अशोकनगर विधानसभा का चुनाव लड़ कर 10 हजार से जायदा मत लाने बाले रमेश इटौरिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने काँग्रेस ज्वाइन की थी। दो बार से वह कोंग्रेस से विधानसभा का टिकिट मांग रहे थे। आगे होने बाले उपचुनाव में भी उनकी टिकिट के लिये दावेदारी थी, मगर कोंग्रेस ने आशा दोहरे को उम्मीदवार घोषित कर दिया। बर्ष 2013 एवं 2018 के विधानसभा चुनाव एवं अब उपचुनाव में दावेदारी जता चुके इस दलित नेता ने कोंग्रेस पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है। प्रेस नोट में लिखा है कि कोंग्रेस अनुसूचित वर्ग के लोगो की उपेक्षा करती है। उन्होंने टिकिट वितरण पर सवालिया निशान लगाते हुये कहा है कि कोंग्रेस फर्जी चाल चरित्र के लोगो को टिकिट देती है। उन्होंने खुद के इस्तेमाल करने के आरोप भी पार्टी पर लगाये है। डेढ़ दशक पहले पेशे से वकील श्री इटौरिया बहुजन समाज पार्टी का पढ़ा लिखा एवं सभ्य चहेरा माना जाता था बसपा से चुनाव भी लड़ा मगर 2012 में कोंग्रेस में शामिल हो गये थे। लगातार तीन बार टिकिट ना मिलने से नाराज हो कर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है एवं पून: बसपा पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस दौरान उनके साथ सैकड़ों की संख्या में समस्र्थक मौजूद रहे। माना जा रहा है कि अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित अशोकनगर सीट से चुनाव लडऩे के लिये वह मैदान में उतर सकते हैं।

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