आखिर सात साल के बाद सीएमओ पदस्थापना को लेकर हो सका हाइकोर्ट के आदेश का पालन

जबलपुर ,आखिरकार प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के सात साल पुराने आदेश का पालन करते हुए जबलपुर सहित करीब 80 नगर पालिका और नगर पंचायत अधिकारियों के तबादले कर दिये हैं। इनमें से ज्यादातर जगह पर सरकार ने सालों से मूल कैडर के अधिकारियों के बजाय प्रभारियों की पदस्थापना कर रखी थी। कई जगहों पर तो आरआई, लेखापाल कैडर के कर्मचारियों को प्रभारी सीएमओ बना रखा था। सूत्रों ने बताया कि यदि हाई कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन हुआ तो सरकार को लगभग इतने ही तबादले और करने होंगे। नई भर्ती भी करना होगी।
गौर तलब है कि हाई कोर्ट ने पहले 2013 और फिर 015 में अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि नगर पालिका और पंचायतों में मूल कैडर के अधिकारियों की ही पदस्थापना की जाए। इसके बावजूद सालों से इन 389 नगर पालिका और नगर पंचायतों में से लगभग २०० में जोड़तोड़ से आए अधिकारियों का ही कब्जा बना रहा।
सीएमओ कैडर के मौजूदा 267 अधिकारियों में से बमुश्किल 100 के पास ही नगर पालिका या नगर पंचायत का चार्ज है। सरकार ने इनको चार्ज देने के बजाय नगर निगम, डूडा जैसे विभागों में भेज दिया। कई बड़ी नगर पालिकाओं में भी लेखापाल, आरआई, सब इंजीनियर या दूसरे विभाग के लोगों को प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी बना दिया गया। भाजपा शासनकाल में शुरू हुआ यह सिलसिला कमलनाथ सरकार के दौरान भी बदस्तूर जारी रहा।
फीडर कॉडर में आते हैं यह पद
इस कॉडर में राजस्व निरीक्षक,उप राजस्व निरीक्षक, कार्यालय अधीक्षक,राजस्व अधिकारी और संपत्तिकर अधिकारी आते हैं।
इन्हें बनाया प्रभारी सीएमओ नॉन सीएमओ कॉडर के अधिकारी-कर्मचारी लेखापाल, मुख्य लिपिक कम लेखापाल, राजस्व निरीक्षक, उपयंत्री,स्वच्छता निरीक्षक, सहायक वर्ग-1, सहायक वर्ग-2 और स्वास्थ्य अधिकारी

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