भोपाल, नए मॉडल मंडी एक्ट के विरोध में 90 हजार मंडी कारोबारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते गुरुवार को प्रदेशभर की 272 अनाज मंडियों में नीलामी ठप हो गई है। प्रदेशभर में 100 करोड़ रु. से अधिक का रोजाना होने वाला कारोबार प्रभावित होगा, इससे राज्य सरकार को मिलने वाला 2 करोड़ रु. के टैक्स का नुकसान होगा। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने बताया कि मप्र सकल अनाज, दलहनतिलहन व्यापारी महासंघ के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर अनाज व्यापारी गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
सरकार द्वारा लागू किए जा रहे नए मंडी एक्ट के विरोध में मंडी कारोबारियों की आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण भोपाल की करोंद अनाज मंडी और भैंसाखेड़ी मंडी में नीलामी ठप हो गई। इस हड़ताल के कारण 1 से 1.5 करोड़ रुपए के कारोबार का रोजाना नुकसान होने का अनुमान है। सोयाबीन, मसूर, मूंग, उड़द, तुवर, गेहूं इत्यादि कृषि उपज की करोंद मंडी में नीलामी नहीं होने से माल लेकर आए किसान परेशान होते देखे गए। हालांकि अधिकांश किसानों को हड़ताल के बारे में पहले से ही मालूम था इसलिए वे अपनी उपज मंडी में नहीं लाए। मप्र सकल अनाज, दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर अनाज व्यापारी आज गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। करोंद मंडी के 200 से अधिक व्यापारी हड़ताल में शामिल हुए। करोंद मंडी व्यापारी एसोसिएशन के प्रवक्ता संजीव जैन ने बताया कि मंडी के भीतर अनाज की खरीदी करने वाले व्यापारियों से वर्तमान में 1.70 फीसदी टैक्स वसूला जाता है। इसे कम करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए मंडी व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल में प्रदेश की सभी मंडियों के 90 हजार से अधिक छोटे-बड़े व्यापारी शामिल हो रहे हैं।
मप्र में मंडी एक्ट के विरोध में अनाज व्यापारियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मंडियों में नीलामी ठप
