नई दिल्ली, घातक वायरस कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन के लिए दुनिया के तमाम देशों में शोध हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर भारत सीरिंज निर्माता ने अपने उत्पादन प्रक्रिया तेज कर दी है ताकि वैक्सीन के व्यापक मांग में कमी न हो। महामारी से निजात पाने की प्रक्रिया में वैक्सीन का विकास अहम है और इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि वैक्सीन के लिए आवश्यक उपकरण भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। दुनिया में सीरिंज बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान सीरिंज ने कहा है कि यह अपने आउटपुट बढ़ा रही है। इसके पहले जो एक साल में 700 मिलियन का प्रोडक्शन होता था व 2021 तक एक बिलियन करने का प्रयास है ताकि कोविड-19 के लिए आने वाले वैक्सीन के डिमांड के अनुरूप हो सके। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विशेषज्ञ प्रशांत यादव ने कहा, ‘वैक्सीन की पहली खेप के लिए हमारे पास पर्याप्त उपकरण व अन्य सुविधाएं हैं। लेकिन 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में जब हम बड़े स्तर पर वैक्सीन का निर्माण करने में सफल होंगे तब सीरिंज सप्लाई में कमी की संभावना है।’ अब तक यूनीसेफ ने कोवैक्स के लिए हिंदुस्तान को 140 मिलियन सीरिंज का ऑर्डर दिया है। गरीब देशों को समान रूप से वैक्सीन मिल सके इसके लिए यूनीसेफ ने वैश्विक पहल की है। सीरिंज की दुनिया भर में जो डिमांड है वह चीन और भारत की फैक्ट्री से पूरी हो सकेगी।