नई दिल्ली, पैंगोंग लेक के दक्षिणी हिस्से को चीनी सेना से खाली कराने के बाद अब उत्तरी इलाके में भी चीनी सेना की घेराबंदी शुरू कर दी गई है। सेना के सूत्रों ने कहा कि एलएसी के भारतीय क्षेत्र में ऊंची पहाड़ियों पर सेना की विशेष टुकड़ियों को तैनात किया गया है। जो किसी भी हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। सेना के सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना की फिंगर-4 से फिंगर-8 के इलाकों में तैनाती कायम रहने और दक्षिणी हिस्से में घुसपैठ की नाकाम कोशिश के बाद यह सुरक्षात्मक कदम उठाया गया है। पैंगोंग लेक के उत्तरी हिस्सों में ऊंची पहाड़ियों पर भारतीय सैनिकों की तैनाती की गई है। लेकिन भारतीय सैनिक जिस क्षेत्र में है, वह पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र में है, लेकिन वहां से पैंगोंग लेक के उत्तरी इलाके पर भारत को रणनीति बढ़त मिलती है। पूर्व में ऐसी खबरें आई थी कि चीन ने फिंगर-4 इलाका खाली कर दिया। लेकिन निचले इलाके से ही चीनी सेना हटी थीं और चोटियों पर अब भी डटी हुई है। इसी प्रकार फिंगर आठ तक के करीब पांच-छह किलोमीटर तक के क्षेत्र में चीनी सेना ऊंचाई पर जगह-जगह मौजूद है। इसमें से ज्यादातर हिस्सा पैंगोंग झील के उत्तरी छोर की तरफ पड़ता है। इसलिए इस इलाके को कवर करते हुए भारतीय सेना ने अपने इलाकों में जबरदस्त रणनीतिक तैनाती कर ली है। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पहले हम निचले इलाकों में मौजूद थे, लेकिन हालात बिगड़ते हैं तो हमारे लिए कठिन हो सकता था। लेकिन अब सेना झील के समूचे उत्तरी इलाके में मजबूत स्थिति में आ चुकी है। इसलिए चीनी सेना को यह स्थान जल्द खाली करने के लिए विवश होना पड़ेगा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता तीसरे दिन भी जारी रही। सूत्रों का कहना है कि वार्ता में लगातार टकराव की बना हुआ है। सूत्रों ने बताया कि दोनों देश की सेना ने चुशुल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता की है, जिसमें मुख्य रूप से पैंगोंग झील इलाके में तनाव घटाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। सूत्रों ने यह भी बताया कि सोमवार और मंगलवार को छह घंटे से अधिक समय तक इसी तरह की वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। उन्होंने बताया कि भारत ने पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों और स्थानों पर कब्जा कर पिछले कुछ दिनों में रणनीतिक बढ़त हासिल की है।