मप्र में बढ़े हुए बिजली बिलों की जांच करने उपभोक्ताओं के घर जाएगी बिजली कंपनी की टीम

भोपाल, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी1 सितंबर से उपभोक्ताओं के बिलों की जांच करने उनके घर जाएंगे। उपभोक्ता की खपत क्यों बढ़ी और क्या कारण है, वह भी समझाएंगे। अगर गलत बिल जारी हुआ है तो मौके पर ही सुधार करेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि गलत बिलिंग की सरकार के पास शिकायतें पहुंच रही थीं।
लॉकडाउन के बाद से उपभोक्ताओं के पास ज्यादा राशि के बिल पहुंच रहे थे। बिजली बिलों को लेकर कांग्रेस भी हमलावर है। उपभोक्ताओं ने भी बढ़े हुए बिजली बिलों की शिकायतें की हैं। इसी को देखते हुए हर डिवीजन में 15 उपभोक्ताओं की रेंडम जांच कराई जाएगी, जिनके बिलों में पिछले साल की तुलना में 30 से 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। खपत बढऩे का कारण पता किया जाएगा। कंपनी ने जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनाई हैं। ये टीमें कंपनी प्रबंधन को अपनी रिपोर्ट भी पेश करेंगी।
बिल को लेकर परेशान हैं लोग
वर्ष 2019 व 2020 की गर्मी की तुलना की जाए तो इस साल तापमान ज्यादा नहीं बढ़ा है। मार्च व अप्रैल में बारिश की वजह से ठंडक रही। पंखे की हवा से ही काम चल गया। कूलर की कम ही जरूरत पड़ी। मई के आखिरी सप्ताह में तापमान में उछाल आया था। जून में उमसभरी गर्मी रही। पिछले साल से कम ही गर्मी थी, लेकिन उपभोक्ता की खपत में काफी इजाफा हो गया है। इससे लोगों को भारी भरकम बिल भरने पड़े।
लॉकडाउन की वजह से दो महीने बिजली कंपनी ने रीडिंग भी नहीं कराई। दो महीने का एक साथ बिल दिया। खपत को दो महीनों में विभाजित भी नहीं किया। दो महीने की खपत का एक साथ बिल दे दिया। खपत ज्यादा होने से महंगे टैरिफ के आधार पर भुगतान करना पड़ा। पिछले साल गर्मियों में जिन लोगों ने 2 हजार रुपए तक बिल भरा था, उन्हें इस बार तीन से साढ़े तीन हजार रुपये तक बिल आया था। एक जोन में 15 उपभोक्ताओं की खपत की जांच की जाएगी। कंप्यूटर से उपभोक्ता की खपत निकालकर उसके घर पहुंचेंगे।
इस माह में भी आएंगे बढ़े हुए बिल
सितंबर में भी उपभोक्ताओं के बढ़े हुए बिल आने वाले हैं। बिजली कंपनी ने अगस्त में होने वाली रीडिंग को रोक दिया था। इस कारण एक उपभोक्ता को 15 दिन की अतिरिक्त खपत मिलने वाली है। 45 दिन की खपत का बिल आने पर बिल राशि ज्यादा रहेगी। इससे उपभोक्ता पर बोझ आने वाला है। 1 सितंबर से शहर में स्पॉट बिलिंग शुरू हो जाएगी। अगस्त में बिल जारी नहीं होने की वजह से उपभोक्ता भी परेशान है, क्योंकि उसके ही ऊपर बिल का बोझ आने वाला है।

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