नयी दिल्ली, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। बेटे अभिजीत बनर्जी ने उन्हें मुखाग्नि दी। प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर किया गया। उनका अंतिम संस्कार कोरोना महामारी के जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप किया गया।
इस दौरान परिवार और रिश्तेदार पीपीई किट पहनकर मौजूद रहे। सेना की टुकड़ी ने पूर्व राष्ट्रपति को तोपों की सलामी दी। इससे पहले प्रणब मुखर्जी को 10 राजाजी मार्ग स्थित घर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तीनों सेनाओं के प्रमुख, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी थी। मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे। लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे मुखर्जी सात बार सांसद भी रहे। बीजेपी-नीत केंद्र सरकार ने साल 2019 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा था।पश्चिम बंगाल में जन्में इस राजनीतिज्ञ को चलता-फिरता ‘इनसाइक्लोपीडिया’ कहा जाता था और हर कोई उनकी याददाश्त क्षमता, तीक्ष्ण बुद्धि और मुद्दों की गहरी समझ का मुरीद था। मुखर्जी भारत के एकमात्र ऐसे नेता थे जो देश के प्रधानमंत्री पद पर न रहते हुए भी आठ वर्षों तक लोकसभा के नेता रहे। वे 1980 से 1985 के बीच राज्यसभा में भी कांग्रेस पार्टी के नेता रहे।