विदिशा,भोपाल-विदिशा मार्ग पर पडने वाली बेतवा नदी खतरे के निशान ऊपर बह रही है। बेतवा के पानी ने खतरे के निशान 1373 फीट को पार कर लिया है और नदी का पानी इससे एक फीट ऊपर बह रहा है। बेतवा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण रंगई के पास भोपाल विदिशा मार्ग पर पानी आ गया, जिससे भोपाल जाने वाला रास्ता बंद हो गया है। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने रात भर बेतवा किनारे बसे करीब ढाई सौ लोगों को अलग-अलग राहत शिविरों में पहुंचाया है। उधर विदिशा में बेतवा के उफान पर आने से मुक्तिधाम परिसर में पानी भर गया है। श्मशान जाने वाला रास्ता भी बंद हो गया है। उधर सिवनी में बाढ़ के सैलाब के आगे हाल ही में 3 करोड रुपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की भीमगढ़-सुनवारा सड़क में वैनगंगा नदी पर बना पुल ताश के पत्तों की तरह बाढ़ के पानी में बह गया है। बरबसपुर हरदुली से सुनवारा सड़क में एक माह पहले यह पुल बन कर तैयार हुआ था। करीब डेढ़ सौ मीटर लंबा उधा स्तरीय ब्रिज शुक्रवार व शनिवार को हुई जोरदार बारिश व भीमगढ़ डैम से पानी छोड़े जाने के बाद बैनगंगा नदी में आई बाढ़ में बह गया है। 2 साल पहले पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसका लोकार्पण होना बाकी था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक डैम से पानी छोड़े जाने के बाद नदी के निचले हिस्से में आई बाढ़ के कारण पुल के 10 फीट ऊपर तक पानी बहने लगा था। वैनगंगा नदी के प्रचंड वेग को पुल नहीं झेल सका। पुल का ऊपरी हिस्सा (स्लैब) बाढ़ के पानी के साथ बह गया। वही टाइप के नीचे खड़े किए गए टी गार्डर भी बाढ़ में ध्वस्त हो गए। पुल के कई मीटर लंबे अपार्टमेंट व पेयर नदी में पानी कम होने ले बाद पत्थरों के बीच अस्त व्यस्त पड़े नजर आए। क्षेत्र के ग्रामीणों ने एक माह पहले बने पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क इकाई दो के ठेकेदार ने गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराया था जो बाढ़ व पानी का दबाव नहीं झेल सका। अधिकारी इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं। ठेकेदार कंपनी एसडीह्वी कंस्ट्रक्शन भोपाल को 306.80 लाख की लागत से पुल निर्माण का ठेका दिया गया था। बैनगंगा नदी में आई बाढ़ में भीमगढ़ बस्ती के पास बना पीडब्ल्यूडी ब्रिज कार्पोरेशन का डेढ़ सौ मीटर लंबा पुल ध्वस्त हो गया है। साल 2011- 12 में ब्रिज कारपोरेशन करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से पुल का निर्माण कराया था। यह पुल छपारा से भीमगढ़ को जोड़ता है। पुल के पानी में बह जाने से इस मार्ग में आवागमन बाधित हो गया है। बाढ़ के कहर से भीमगढ़ बस्ती व निचले क्षेत्र में बाढ़ से केवलारी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। डैम से छोड़े जा रहे पानी के रास्ते में मौजूद भीमगढ़ से कॉलोनी तक की कंक्रीट सड़क भी उखड़ कर पानी के साथ बह गई है। सड़क का करीब 500 मीटर का हिस्सा बह जाने से कॉलोनी व भीमगढ़ के बीच संपर्क टूट गया है। भीमगढ़ में 100 से अधिक घरों में पानी भरने के कारण गृहस्थी तहस-नहस हो गई है। केवलारी क्षेत्र में भी दुकानदारों व आबादी इलाकों में जलभराव के कारण लोगों को खासा नुकसान उठाना पढ़ रहा है। सिवनी जिले में 28 व 29 अगस्त को हुई भारी वर्षा से 80 गांव में जलभराव, बाढ़ के हालत हैं। 2221 प्रभावित हुए। 9 राहत शिविरों में 430 लोगों को विस्थापित किया गया है। सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए लोगों ओढ़ने-बिछाने, पेयजल व खाने की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही है। अतिवर्षा से बाढ़, जलभराव के कारण तहसील सिवनी के 15 गांव, कुरई के 4, केवलारी के 14 ग्राम, तहसील लखनादौन के 25 ग्राम, धनौरा के मझगवां, घंसौर के 2 व छपारा के 20 गांव में 2221 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। शनिवार को दोपहर के बाद बारिश थमने व रविवार को सुबह से आसमान साफ होने, धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली है।