भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में बेस्ट सेल्फ ससटेनेबल स्टेट केपिटल घोषित किया गया है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा ने नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से घोषित किये गये स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के परिणामों में राजधानी भोपाल को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 07वें स्थान पर आने की घोषणा की। भोपाल में जिला कलेक्टर कार्यालय में निगम आयुक्त वी.एस.चौधरी कोलसानी ने केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री की वीडियों कान्फ्रेंसिंग में भाग लिया।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के लिए नगर निगम भोपाल ने अभी से ही व्यापक स्तर पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है इसके तहत घरों से कचरा संग्रहण, स्त्रोत पर ही पृथक्कीकरण, मार्केट व रोड की स्वीपिंग आदि पर विशेष ध्यान दिया है। निगम द्वारा सभी निर्माणाधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण समयावधि में पूर्ण किया जा रहा है। संग्रहित कचरे का शत््-प्रतिशत निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा और स्वच्छता के अभियान से नागरिकों की हर स्तर पर सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें जोड़ा जाएगा और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्वच्छता जागरूकता का वातावरण निर्मित किया जाएगा।
नगर निगम, भोपाल द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत निर्धारित मापदंडों अनुसार विभिन्न प्रक्रियाओं को अमल में लाने के साथ ही शहर में साफ-सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु लगातार प्रभावी ढंग से कार्यवाही की गई। निगम द्वारा घर-घर से कचरा एकत्र करने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाते हुए समस्त 19 जोन के 85 वार्डों में कचरा वाहनों एवं रेग पिकर्स के माध्यम से घर-घर से गीला एवं सुखा कचरा पृथक-पृथक एकत्र किया जा रहा है। घर-घर से कचरा एकत्र करने के साथ ही बल्क कचरा उत्पादन स्थलों को चिन्हित कर विकेन्द्रीकृत कम्पोस्टिंग के माध्यम से जैविक कचरे से खाद बनाने का कार्य किया जा रहा है साथ ही होम कम्पोजिट यूनिट भी स्थापित कर स्थल पर ही कम्पोस्टिंग की जा रही है। शहर में बायोमीथेनाइजेशन एवं बायोगैस प्लांट भी स्थापित किये गये है ताकि शहर से निकलने वाले कचरे की मात्रा में कमी लाई जा सके। निगम द्वारा एमआरएफ सेंटर भी स्थापित किये गये है जिसमें विभिन्न प्रकार के कचरे का निपटान किया जा रहा है और प्लास्टिक अपशिष्ट निष्पादन के भोपाल माडल द्वारा प्लास्टिक कचरे को सीमेंट फैक्ट्रीयों में ईधन के रूप में, सड़क निर्माण एवं रिसाईकल कर पाईप, टाइल्स, बेन्चेस आदि उत्पाद बनाने के उपयोग में लाया जा रहा है। भानपुर स्थित खंती को बंद करते हुए यहाँ एकत्र लाखों टन कचरे को बायोरिमेडीएशन पद्धति से निष्पादन किया गया है और कचरे से रिक्त हुई भूमि पर सुदंर पार्क विकसित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। निगम द्वारा शहर में विद्यमान तालाबों/जल संरचनाओं की नियमित रूप से सफाई कराई जा रही है एवं नाला-नालियों की सफाई भी मशीनों एवं श्रमिकों के माध्यम से कराई जा रही है ताकि नालों में ठोस अपशिष्ठ जमा ना हो और नाला नालियों का बहाव निर्बाद्ध रूप से जारी रहे।