नई दिल्ली, भाजपा को शीर्ष पर पहुंचाने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज दूसरी पुण्यतिथि है। उनके समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पहुंचकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत शीर्ष नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के अन्य नेता भी स्मारक पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश सदैव उनकी अभूतपूर्व सेवा और देश के विकास में उनके योगदान को याद रखेगा। अटल भाजपा के पहले नेता थे जो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल की कविता ‘हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा’ साझा करते हुए उन्हें याद दिया। साल 2018 में लंबी बीमारी के बाद अटल का निधन हो गया था। विरोधियों के बीच भी खासे लोकप्रिय रहे अटल को श्रद्धांजलि देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश ने पहली बार वाजपेयी के नेतृत्व में ‘गुड गवर्नेंस’ को लागू होते हुए देखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वाजपेयी ने सार्वजनिक जीवन और भारत के विकास में जो योगदान दिया उसे सदैव याद रखा जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी समाधि स्थल पहुंच अटलजी को श्रद्धांजलि दी।
वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार वह 16 मई 1996 को प्रधानमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण उनके इस कार्यकाल पर 28 मई 1996 को ही विराम लग गया। उसके बाद वह 19 मार्च 1998 से 17 अप्रैल 1999 तक प्रधानमंत्री रहे। वह अंत में 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक सत्ता में रहे थे। वाजपेयी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री के तौर पर 13 दिन, दूसरी बार 408 दिन और तीसरी बार 1,847 दिन बिताए और सभी कार्यकाल को मिलाकर वह 2,268 दिनों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। दो दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाजपेयी को पीछे छोड़ते हुए सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बनने का रेकॉर्ड अपने नाम किया है। मोदी भारतीय इतिहास में चौथे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं। इससे पहले जिन तीन प्रधानमंत्रियों का नाम इस सूची में शामिल है, वे सभी कांग्रेस के थे।