हरियाणा में मेयर और पालिका अध्यक्षों का चुनाव अब सीधे जनता ही वोट डाल कर करेगी

चंडीगढ़, हरियाणा में नगर निगम के मेयर व नगर परिषद और पालिका अध्यक्षों के चुनाव सीधे ही करवाएं जाएंगे। तमाम अटकलों के बाद हरियाणा कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी दी। हालाकि शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने सीधे चुनाव की बजाए इनके चयन की पहले जैसी व्यवस्था ही रहने की वकालत की थी। मेयर या अध्यक्ष के चुनाव में पार्षदों की कोई भूमिका नहीं रहेगी। इससे अध्यक्ष बनने वालों के लिए पार्षदों की खरीद फरोख्त भी बंद हो जाएगी। इस संदर्भ में हरियाणा नगर पालिका अधिनियम की जिन धाराओं में जो संशोधन की जरूरत है, उसे अध्यादेश लाकर किया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है। 2019 में नगर निगमों के चुनाव डायरेक्ट हुए थे, लेकिन तब कानून में एक संशोधन करना रह गया था। अब तय किया गया है कि पहले से मेयर, अध्यक्ष या पार्षद चुने गए किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। इसके साथ ही कैबिनेट में हरियाणा में ओल्ड गुरुग्राम के निवासियों को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में 6821।13 करोड़ रुपये की लागत से गुरुग्राम में हुडा सिटी सेंटर से विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों तक मेट्रो रेल कनेक्शन की अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।

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