भोपाल, विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने भाजपा सरकार पर कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि जांच और इलाज समय पर नहीं होने से कोरोना के 20% मरीजों की मौत हो गई। पूर्व स्पीकर ने कहा कि 1065 मौतें लापरवाही के कारण हुईं। सरकार की तैयारियां कोरोना से निपटने के लिए नाकाफी साबित हुई हैं। अगर विधानसभा स्तर पर मॉनिटरिंग की गई होती तो आज ये आंकड़ा नहीं होता। इस लापरवाही की जवाबदेही बीजेपी सरकार पर है।
पूर्व स्पीकर प्रजापति ने कहा कि विधानसभा संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों के आधार पर कार्यवाही संचालित की जाती है। विधानसभा नियम-कानून और परंपराओं से चलती है। उसमें फैसले चुने हुए स्पीकर के जरिए लिए जाते हैं। प्रोटेम स्पीकर फैसला नहीं करता है। प्रोटेम स्पीकर चुने हुए नहीं हैं, अगर वो कुछ भी अलग करते हैं तो वह गैरकानूनी है। सचिवालय को उन्हें रोकना चाहिए।
पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने विधानसभा समितियों के गठन को लेकर भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। असल में, सरकार ने विधानसभा की नई समितियों के बनाने की कवायद शुरू हो गई है। विधानसभा सचिवालय ने सभी दलों को पत्र लिखा है। इसके पहले जो समितियां बनाई गई थीं, उसमें कांग्रेस का दबदबा था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद समितियों के गठन में भी इसका असर दिखेगा।
एनपी प्रजापति ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के बाद ही आगे की कार्यवाही हो सकती है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बारे में विधानसभा सचिवालय लोगों को गलत जानकारी दे रहा है, कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष हैं। असल में, वह विधानसभा की वेबसाइट में नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर जवाब दे रहे थे, जिसमें लिखा था बी टू अपलोडेड।