केंद्र से हरी झंडी मिली तो मप्र में एक सितंबर से खुल सकते हैं स्कूल, न प्रार्थना होगी, न राष्ट्रगान

भोपाल, कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार ने अभी तक देश में शैक्षणिक संस्थाओं को संचालित करने की अनुमति नहीं दी है। यही वजह है कि अभी प्रदेश में सभी स्कूल कॉलेज बंद है। हालांकि अनलॉक की प्रक्रिया के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण के बीच शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने की तैयारी कर ली है। यदि केंद्र सरकार ने स्कूल कॉलेज खोलने की अनुमति जारी की तो मप्र में एक सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं। अभी ऑनलाइन कक्षा लगाकर पढ़ाई कराई जा रही है। छह चरणों के प्रारूप के तहत इस साल स्कूल खुलने पर न तो प्रार्थना सभा होगी और न ही वार्षिकोत्सव का आयोजन होगा।
स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के स्कूलों को खोलने को लेकर गाइडलाइन तैयार कर शासन से अनुमति लेने के लिए प्रारूप तैयार कर भेज दिया था। जिसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। प्रारूप में बताया गया है कि स्कूल खुलने पर पढ़ाई का सिलसिला किस तरह शुरू होगा और विद्यार्थियों, अभिभावक व शिक्षकों के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा। विभाग ने सम व विषम संख्या में विद्यार्थियों को बांटकर एक दिन छोड़कर बुलाया जाएगा। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेश जाटव ने बताया कि स्कूल खोलने को लेकर ड्राफ्ट तैयार किया गया है। अभी तक उसे राज्य शासन की ओर से स्वीकृति नहीं मिली है।
बड़ी कक्षाएं पहले लगेंगी
स्कूलों में पहली से बारहवीं तक अलग-अलग चरणों में पढ़ाई शुरू होगी। पहले चरण में 11वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इसके एक हफ्ते बाद नौवीं और दसवीं की पढ़ाई शुरू होगी। तीसरे चरण में दो हफ्ते बाद छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं शुरू होंगी। इसके तीन हफ्ते बाद तीसरी से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई होने लगेंगी। पांचवां चरण पहली और दूसरी कक्षाओं का होगा। छठे चरण में पांच हफ्ते बाद अभिभावकों की मंजूरी के साथ नर्सरी व केजी की कक्षाएं शुरू होंगी। कंटेनमेंट जोन के स्कूल ग्रीन जोन बनने तक बंद ही रहेंगे।
सम-विषम के आधार पर आएंगे छात्र
विभाग ने प्रारूप में यह तय किया है कि कक्षा में विद्यार्थियों के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी होगी। एक कमरे में 15 या 20 विद्यार्थी होंगे। विद्यार्थियों को सम-विषम के आधार पर बुलाए जाएंगे, लेकिन गृह कार्य प्रतिदिन देना होगा। कोई भी विद्यार्थी अपना सीट न बदलें, इसके लिए डेस्क पर नाम लिखा होगा। कक्षा को रोजाना सैनिटाइज करना होगा, यह सुनिश्चित करना प्रबंधन का काम होगा। स्कूल में प्रवेश से पहले विद्यार्थियों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी। स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाए जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए कॉपी, पेन, पेंसिल या खाना शेयर करने की मनाही होगी। सभी को अपना पानी साथ लाना होगा। हर के लिए मास्क पहनना जरूरी होगा। स्कूल में सुरक्षित शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाएगा।

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