चंडीगढ़,कोविड के बढ़ते मामलों को देखकर पंजाब की जेलों में स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों की सख्ती से पालन, यकीनी बनाने के लिए कैदियों की अधिकृत क्षमता 50 प्रतिशत तक लाने का फैसला किया गया है।इससे जेलों में सामाजिक दूरी के साथ-साथ कैदियों के लिए एकांतवास के लिए उपयुक्त जगह मिल सके।फैसले के अंतर्गत 3500 से 4000 तक और कैदियों को छोड़ा जायेगा, जबकि इसके पहले 9500 कैदियों को छोड़ा गया था।इसकी जानकारी जेलमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने बुधवार को बयान जारी कर दी। उन्होंने बताया कि यह कार्यवाही लॉकडाऊन की बंदिशों में ढील,अपराध दर एवं नए कैदियों की आमद बढऩे के चलते की जा रही है, जिस संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर बनी उच्च ताकत कमेटी की तरफ से सिफारशें की गई हैं।जेल मंत्री ने कहा कि विशेष जेलों में कैदियों की आमद करीब 3000 कैदी प्रति महीना है। इस समय पर राज्य की जेलों में 17500 कैदी हैं, जोकि कुल क्षमता का 73 प्रतिशत है। अब तक 449 कैदी और 77 जेल कर्मियों का कोविड टैस्ट पॉजिटिव आया है।रंधावा ने कहा कि जेल प्रशासन की तरफ से कोविड की रोकथाम और नियमों की पालन यकीनी बनाने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिसके अंतर्गत उच्च ताकती कमेटी की तीसरी मीटिंग में फ़ैसला किया गया कि जेलों में भीड़ घटाने के लिए अधिकृत क्षमता को 50 प्रतिशत तक लाया जाएं। इससे सामाजिक दूरी के नियमों की पालना और विशेष जेलों से दूसरी जेलों में शिफ्ट किये कैदियों के एकांतवास के लिए उपयुक्त जगह मुहैया हो सकेगी। जेल मंत्री ने बताया कि कुल कैदियों में से 80 प्रतिशत हवालाती हैं और पैरोल पर रिहा करने के लिए सिफारिशों के लिए मापदंड सिर्फ हवालाती के ही संबंध में थे।एन.डी.पी.एस.एक्ट के अंतर्गत पकड़े गए उन दोषी के संबंध में जिनके पास से थोड़ी मात्रा बरामद की हो और तीन से अधिक केस दर्ज न हों। सिफारिशों के अंतर्गत पैरोल पर छोड़े जाने वालों कैदियों में अब आई.पी.सी. की धारा 379, 420, 406, 452, 323, 324, 188, 336, 316, 279, 170, 337, 338, 315 और498-ए के अंतर्गत पकड़े भी शामिल हैं।
कोरोना की वजह से पंजाब की जेलों से 3500 से 4000 तक कैदियों को छोड़ा जायेगा
