क्या गहलोत का पत्र लेखन आया काम और यह मान लिया जाये की पिघल गए हैं पायलट ?

जयपुर, करीब एक महीने से अशोक गहलोत गुट सचिन पायलट गुट को वापस पार्टी में लौटने के लिए मान मनुहार कर रहा था इस बीच आज सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कर वापस सरकार को समर्थन देने की बात सामने आई है।
माना जा रहा है कि गहलोत ने बीते दिन पक्ष-प्रतिपक्ष, निर्दलीय सभी विधायकों को अन्तरआत्मा की आवाज पर समर्थन की मार्मिक अपील पत्र लिखकर की थी। सो लगता है कि इस अपील पर पायलट गुट के कई विधायकों, स्वयं सचिन पायलट पर आलाकमान से विधानसभा सत्र शुरू होने से दो दिन पहले की मुलाकात से दिखने लगा है। सूत्रों का कहना है कि पायलट पहले ही पार्टी नहीं छोडऩे की बात कई दफा दोहरा चुके है ऐसे में अगर सचिन पायलट अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने के लिए राजी हो जाते है तो सबसे पहले प्रदेश की प्रतिपक्षी पार्टी भाजपा खेमे द्वारा अभी तक जितनी भी चालें है वे सब फेल हो जायेगी। हालांकि भारतीय जनता पार्टी में भी लगातार दो तीन दिन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुट की अलग रणनीति बनाने की खबरें आती रही है और इन खबरों के बीच ही करीब 30-32 विधायकों को भाजपा ने गुजरात भेज भी दिया है जो विधायक भेजे गए है उनमें वसुंधरा राजे के सबसे अधिक समर्थक बताये जा रहे है। कुल मिलाकर अगर सचिन पायलट अशोक गहलोत सरकार को अपने गुट का समर्थन करते है तो सरकार बचाने के लिए अशोक गहलोत को ज्यादा राजनैतिक तौर पर जोडतोड़ नहीं करना पडेगाा।

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