पटना,एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि देश में आज भी कई जगह दलित समुदाय के व्यक्ति को मंदिर में जाने से रोका जाता है। 21 वीं सदी में इस तरह की घटना पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि आज भी दलित युवक को अपनी शादी में घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है। लिहाजा, इस भेद भाव को मिटाए बिना राम राज्य संभव नहीं हो सकता। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने और 5 अगस्त को भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे और भूमिपूजन कार्यक्रम का स्वागत करते हुए चिराग ने कहा कि हमारा विश्वास है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही भगवान राम की सोच जनता तक जाएगी और एक ऐसा समाज बनेगा जहां किसी के साथ भेद-भाव न हो।
चिराग पासवान ने कहा, वंचित वर्ग से आने वाली गुरु मतंग की शिष्या, श्री राम की परमभक्त माता शबरी का वंशज होने के नाते यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे जीवनकाल में पुनः मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। मंदिर निर्माण न सिर्फ मानव बल्कि समस्त जीव-जंतु पशु-पक्षी के लिए खुशी और आत्मसंतुष्टि की बात है। भगवान राम समस्त जीव-जंतु के लिए पथ प्रदर्शक हैं। एलजेपी अध्यक्ष ने कहा कि शबरी को सभी सिद्धियां प्राप्त थीं, उसके बावजूद उनमें तनिक भी अहंकार नहीं था। इसी का प्रभाव था कि भगवान राम ने उनके जूठे बेर खाए थे। उनके प्रेम को देखते हुए राम ने उनकी तुलनक माता कौशल्या से की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या जाने को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान पर चिराग ने कहा कि ऐसा किसी ने नहीं कहा कि अयोध्या जाने से कोरोना खत्म होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे का स्वागत करते हुए ओवैसी को नसीहत दी। चिराग ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई संवैधानिक अड़चन है। उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे पर और विवाद नहीं होना चाहिए।
माता शबरी का वंशज होने के नाते मेरा सौभाग्य कि मेरे जीवनकाल में राम मंदिर बन रहा-चिराग
