राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ेंगे आडवाणी और जोशी

अयोध्या,अयोध्या में भूमिपूजन की तैयारियों के बीच ट्रस्ट के मौजूदा स्वरूप को लेकर विवाद पैदा हो गया है। राममंदिर आंदोलन से जुड़े होने का दावा करने वाले कुछ लोगों का आरोप है कि ट्रस्ट में पद के लालची, चमचागिरी, लुटेरे और जुगाड़ू लोगों को जगह दी गई है। ये लोग ट्रस्ट में बदलाव की मांग को लेकर अभियान चला रहे हैं। इस बीच खबर मिली है कि मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाड़ी और मुरलीमनोहर जोशी भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भूमि पूजन में हिस्सा लेंगे।
इनका आरोप है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट में किसी भी कारसेवक को शामिल नहीं करके उनके संघर्ष का अपमान किया गया है। इसके अलावा मौजूदा ट्रस्ट की सदस्य संख्या बढ़ाकर 108 किए जाने की मांग में लोगों ने हस्ताक्षर अभियान शुरु किया है। अभियान की शुरुआत संतोष दुबे नाम के शख्स ने की है, जो अपने को बाबरी मस्जिद विध्वंस का आरोपी बताते है।
साथ ही इन लोगों की मांग है कि राम मंदिर की ऊंचाई 250 मीटर होनी चाहिए और यह दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर होना चाहिए। इन लोगों ने कहा है कि मंदिर में रामलला के अलावा महाराज दशरथ, उनकी तीनों रानियों और इक्ष्वाकु वंश के अन्य राजाओं की मूर्तियां स्थापित की जानी चाहिए।
इस बीच सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक राममंदिर आंदोलन के शिखर नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कई दूसरे बुजुर्ग नेता भूमि पूजन के दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे। प्रशासन इन नेताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भूमि पूजन की दिखाने की व्यवस्था में जुटा है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 10 बड़े नामों की सूची तैयार है जो अयोध्या तो नहीं आ रहे लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भूमि पूजन का कार्यक्रम देखेंगे और इससे जुड़ेंगे।

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