अंबाला, भारतीय वायु सेना की समारिक शक्ति में इजाफा करने अब राफेल अब भारत आ गया है। राफेल विमान का पहला बेड़ा अंबाला एयरबेस पहुंचा जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर सुरक्षित लैंडिंग की जानकारी दी। पांच लड़ाकू विमानों का यह बेड़ा हरियाणा के अंबाला एयरबेस में तैनात रहेगा। लड़ाकू विमानों के इस बेड़े ने सोमवार को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी। ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार दोपहर अंबाला पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन विमानों में एक सीट वाले तीन और दो सीट वाले दो विमान मौजूद हैं। सभी लड़ाकू विमानों ने दोपहर तीन बजे के बाद एयरबेस पर टचडाउन किया। पूरा देश लंबे समय से राफेल विमानों का इंतजार कर रहा था। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने अंबाला में विमानों की अगवानी की। अंबाला एयरबेस पर पहुंचते ही राफेल को पानी की बौछारों से वॉटर सैल्यूट दिया गया। लड़ाकू विमानों की लैंडिंग को लेकर रक्षा मंत्रालय ने वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में राफेल अंबाला एयरबेस की पट्टी को चूमते देखे जा सकते हैं। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पांचों राफेल विमानों की अंबाला में सुरक्षित लैंडिंग हुई। उन्होंने कहा वायुसेना की ताकत में इससे क्रांतिकारी बढ़ोतरी होगी। सेना के इतिहास में नए युग की शुरुआत हुई है।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने कहा कि भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद राफेल विमानों को दो सुखोई 30 एमकेआई ने अपने घेरे में ले लिया। एयरबेस पर लैंडिंग के ऐतिहासिक क्षणों के बीच बुधवार को ही राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे ने भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश किया।
वहीं, फ्रांस के मेरिगनेक एयरबेस से सात घंटे से अधिक उड़ान भरने के बाद यूएई में सोमवार को अल धाफरा एयरबेस पर विमानों का जत्था उतरा था। यह फ्रांस से भारत के लिए उड़ान के दौरान एकमात्र पड़ाव था। 30,000 फुट की ऊंचाई पर एक फ्रांसीसी टैंकर से हवा में इन लड़ाकू विमानों में ईंधन भरा गया था। राफेल लड़ाकू विमान भारत के दो दशकों में लड़ाकू विमानों का पहली बड़ी आपूर्ति है और इनसे भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं को काफी मजबूती मिलने की उम्मीद है। भारतीय वायु सीमा में जैसे ही पांचों राफेल विमानों ने प्रवेश किया, उसके बाद वायु सेना ने अपने दो सुखोई विमानों को भेजा। दोनों विमानों ने राफेल को एस्कॉर्ट किया। वायु सेना ने इन तस्वीरों को ट्वीट करते हुए लिखा कि सुखोई SU-30s ने विमानों का स्वागत किया। तस्वीरों में कुल सात विमान नजर आए, जिसमें से दो विमान सुखोई थे, जबकि अन्य पांच लड़ाकू विमान राफेल थे। निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थिति अंबाला एयरबेस पर उतरे।
सात हजार किलोमीटर उड़कर भारत पहुंचा राफेल, वायुसेना की सामरिक शक्ति में होगा इजाफा
