भोपाल में कोरोना संक्रमण के औसतन हर दिन मिल रहे 119 मरीज,चार डॉक्टर समेत 177 नए मरीज मिले

भोपाल, राजधानी में 10 दिन का लॉकडाउन होने के बाद भी कोरोना संक्रमण कम नहीं हो रहा है। शहर में चार डॉक्टर समेत 177 नए मरीज मिले। संक्रमितों में 82 साल के बुजुर्ग से लेकर 11 साल की बच्ची भी शामिल है। इसके बाद राजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6006 हो गई है। वहीं चिरायु अस्पताल से एक कोरोना संक्रमित मरीज भाग गया था। हालांकि बाद में उसे पकड़ लिया और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। नए और पुराने शहर की कॉलोनियों में लगातार नए मरीज मिल रहे हैं। राजधानी में जुलाई के महीने में अब तक 3217 मरीज मिल चुके हैं। जो पिछले चार महीने से भाी ज्यादा हैं। अब औसतन शहर में रोजाना 119 मरीज मिल रहे हैं। इससे अब शहर के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी कम हो गई है। भोपाल में 30 जून तक 2789 कोरोना पॉजिटिव मिले थे। अगर शहर में इसी रतार से मरीज बढ़ते रहे तो भोपाल कोरोना संक्रमितों के मामले में इंदौर से आगे निकल जाएगा। अभी इंदौर में संक्रमितों की संख्या 6965 है। इंदौर में अभी संक्रमितों की संख्या भोपाल से सिर्फ 979 ज्यादा है।
यहां मिले पॉजिटिव
संक्रमितों की आरजीपीवी भोपाल के 2 कर्मचारी, गांधी मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टर सहित दो अन्य कर्मचारी, बैरागढ़ में न्यू सिंधु समाज स्कूल में क्वारंटाइन किए गए एक ही परिवार के चार लोग, एमराल्ड पार्क सिटी में रहने वाले एक ही परिवार के पांच लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। राज्य ओपन बोर्ड के एक कर्मचारी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इंद्रपुरी के वंदना हॉस्टल में रहने वाली एक 25 वर्षीय छात्रा की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है। वहीं प्रोफेसर कॉलोनी स्थित चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक अजय गोयनका के परिवार में एक अन्य कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला है।
चार महीने में मिले थे 2789 पॉजिटिव
राजधानी में मार्च में चार पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद अपै्रल, मई और जून तक कुल 2789 पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद जुलाई में संक्रमण इतनी तेजी से फैला कि जुलाई के 27 दिनों में राजधानी में 3217 संक्रमित मिल चुके हैं। बढ़ते संक्रमण के चलते जिला प्रशासन को दस दिन का लॉकडाउन करना पड़ा।
शहर में एक्टिव केस 33 फीसदी से ज्यादा
शहर में बढ़ते संक्रमण की वजह से एक्टिव केस की संख्या 33 फीसदी से ज्यादा हो गई है। भोपाल में अब एक्टिव केस 1993 हैं। ठीक होने वालों की संख्या भी अब कम हो गई है। अब राजधानी में रिकवरी रेट घटकर 58 फीसदी रह गया है।

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