कैदियों को मप्र में अब कोर्ट लाने की जरूरत नहीं, वर्चुअल पेशी की इजाजत

भोपाल, मध्यप्रदेश में देश की पहली वर्चुअल कैबिनेट के बाद अब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों की पेशी भी अब वर्चुअल होगी। इससे जेलों में कोरोना संकम्रण का खतरा भी नहीं रहेगा और सुरक्षा के लिहाज से भी यह एक अच्छी शुरुआत है। इस वर्चुअल पेशी के दौरान सभी पक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में वर्चुअल कैबिनेट के बाद अब प्रदेश में बंदियों की पेशी वर्चुअल होगी। जल्द ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश की कुछ ही जेलों में अभी तक सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई जाती थी। यह पेशी सिर्फ उन कुख्यात बदमाशों, नक्सली, सिमी आतंकी सहित बड़े अपराधियों के लिए होती थी। इसके अलावा बाकी कैदियों के लिए जेल प्रशासन स्थानीय पुलिस की मदद से कोर्ट में पेशी कराता है। कोर्ट ले जाने वाले कैदियों की संख्या ज्यादा होती है। इसलिए राज्य सरकार ने एक ऐसा खाका तैयार किया है, जिसके तहत अब वर्चुअल पेशी की जा सकेगी।
वर्चुअल पेशी का सिस्टम तैयार
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जेल के अंदर कैदियों की वर्चुअल पेशी की व्यवस्था की जा रही है। सरकार ने इस पर विचार किया था। कोरोना आपदा के कारण यह व्यवस्था की गई है। एक पूरा सिस्टम तैयार किया गया। उन्होंने बताया जेल विभाग के साथ दूसरे विभागों से बातचीत की गई है। इस सिस्टम के तहत कैदियों की वर्चुअल पेशी होगी। कुछ दिनों में इस व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाएगा।
वर्चुअल पेशी में ऐसे होगा काम
अभी जेल में बंद अधिकांश कैदियों को पुलिस की गाड़ी से कोर्ट लाया जाता है। उनकी पेशी कराई जाती है। पुलिस कैदियों को संबंधित कोर्ट में पेश करती है। पेशी होने तक सभी कैदियों को कोर्ट में बने जेल बंदी गृह में रखा जाता है। इसके बाद उन्हें कोर्ट से फिर जेल में दाखिल कराया जाता है। इस दौरान जेल प्रबंधन स्थानीय पुलिस की मदद लेता है।
वर्चुअल पेशी के जरिए अब जेल प्रशासन जेल के अंदर से ही कैदी को पेश कर देगा। इस दौरान कैदी के पक्ष की तरफ से वकील और दूसरे पक्ष की तरफ से वकील वर्चुअल पेशी के दौरान अपनी बात को रख सकते हैं। बहस कर सकते हैं।कोर्ट की प्रक्रिया अभी ऑनलाइन रहेगी। वर्चुअल पेशी के कारण कैदी को अब कोर्ट लाने की जरूरत नहीं है। इस सिस्टम के जरिए वो सभी काम हो जाएंगे जो कैदी को कोर्ट में लाने के बाद होते थे।

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