पटना, बिहार में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण की गाज अब अफसरों पर गिरने लगी है। हालत यह हो गई है कि एक समीक्षा बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधाव सचिव उमेश सिंह कुमावात को सुधर जाने तक का अल्टीमेटम दे दिया। सीएम का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उमेश सिंह कुमावात से वर्तमान हालात की जानकारी ली। कुमावत जवाब दे रहे थे तभी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने नीतीश कुमार से शिकायत कर दी। मीडिया खबरों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री पांडे ने शिकायत करते हुए कहा कि प्रधान सचिव मेरी बात नहीं सुनते और विभाग में अपनी मनमानी करते हैं।
शिकायत सुनते ही सीएम ने प्रधान सचिव की जमकर लगाई क्लास लगाई। सीएम ने कहा कि प्रतिदिन 20 हजार आरटीपीसी टेस्ट नहीं हुए तो आप पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। आपसे ये विभाग नही संभलता तो छोड़ दीजिए। सीएम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अनुमंडल स्तर हॉस्पिटल में 100 बेड की व्यवस्था होनी चाहिए साथ ही हॉस्पिटल भी ऑक्सीजन की भरपूर व्यवस्था होनी चाहिए। सीएम ने कहा कि जिला के मरीजों का उनके जिलों में ही इलाज हो, साथ ही पटना के हॉस्पिटलों पर अतिरिक्त बोझ नहीं हो इसका भी ख्याल रखा जाए। नीतीश कुमार स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से इतने नाराज थे कि उन्होंने कहा की जब दिल्ली में रोज 38 हजार जांच हो सकती है तो बिहार में क्यों नही। नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले 14 साल में मेरे सामने ऐसे परिस्थिति नहीं आई। नीतीश ने चेतावनी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की जल्द ही रिव्यू मीटिंग करेंगे और गड़बड़ी करने वालों को छोड़ेंगे नहीं।
बिहार में स्वास्थ्य सचिव पर बिफर पड़े नितीश, सीएम बोले नहीं संभल रहा कोरोना तो छोड़ दो डिपार्टमेंट
