भोपाल/लखनऊ, मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार की शाम राजधानी लखनऊ में गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे मंत्री आशुतोष टंडन ने चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले अंतिम यात्रा में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत राजनीतिक जगत की तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हुईं। बता दें कि, मंगलवार सुबह मेदांता अस्पताल में सुबह 5:35 बजे 85 वर्षीय टंडन ने अंतिम सांस ली थी। वे बीते 40 दिनों से बीमार चल रहे थे। मेदांता अस्पताल से टंडन का शव सवा दस बजे उनके हजरतगंज में त्रिलोकीनाथ रोड स्थित सरकारी आवास पर लाया गया। राज्यपाल के पुत्र और योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन ने लोगों से अपील की थी कि, कोरोना संकट काल के कारण लोग अपने घरों में रहकर पूज्य बाबूजी के लिए प्रार्थना करें। लेकिन उनके अंतिम दर्शन के लिए तमाम उनके चाहने वाले पहले ही पहुंच चुके थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पहुंचे। उसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद लगातार उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम मंत्रियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा अंतिम दर्शन करने के लिए लगा रहा।
रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
लालजी टंडन के पार्थिव शरीर को हजरतगंज के बाद उनके चौक स्थित पैतृक आवास लाया गया। यहां केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्पांजलि अर्पित की। रक्षामंत्री ने कहा कि, टंडनजी का जाना मेरा व्यक्तिगत नुकसान है। वे मेरे संरक्षक थे। प्रदेश की राजनीति में भाजपा को ऊंचाई देने का बड़ा योगदान रहा है। लोगों को यह महसूस होता था कि, उनका अभिभावक लखनऊ में मौजूद है। इसलिए लोग उन्हें बाबूजी कहते थे। हर कार्यकर्ता सोचता था कि, लखनऊ जाऊंगा तो कोई नहीं मिलेगा तो भी टंडनजी जरूर मिलेंगे और समस्या का समाधान करेंगे। एमपी के मुख्यमंत्री मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आवास पर पहुंचकर टंडनजी जी को श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल की बैठक में उन्हें श्रद्धांजलि दी। दो मिनट का मौन रखने के बाद बैठक को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। राज्य में 5 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। प्रदेश में 21 जुलाई से 25 जुलाई तक 5 दिन कोई भी शासकीय कार्यक्रम नहीं होंगे। सभी सरकारी ऑफिस और शिक्षण संस्थान आज बंद रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- टंडन को मृदभाषी और मिलनसार राजनेता के तौर पर पहचाना जाता था। वे समाज के हर वर्ग में पसंद किए जाते थे।
राज्यपाल लालजी टंडन का लखनऊ में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
