सुमित्रा कास्डेकर के कांग्रेस छोड़ने के पीछे का कारण कहीं यह तो नहीं …

बुरहानपुर,नेपानगर की कांग्रेस विधायक सुमित्रा कास्डेकर का भाजपा की सदस्यता ग्रहण करना महज एक इत्तफाक नहीं है इसकी बिसात काफी पहले बिछाई जा रही थी, करीब एक पखवाडे पूर्व उनके विधायक प्रतिनिधि को उज्जैन एसटीएफ ने एक अन्य व्यक्ति के साथ नकली नोट कांड में गिरफतार कर लिया। बस यही वह टर्निंग पॉइंट रहा जिससे वह भाजपा में जाने को मजबूर हो गई। कास्डेकर ने कांग्रेस के टिकिट पर नेपानगर विधानसभा से चुनाव जीत कर खकनार के किरण चांगदेश को अपना विधायक प्रतिनिधि बना रखा था। हालांकि कास्डेकर का नाम कुछ माह पूर्व भी सरकार गिराने वाले विधायको की सूची में शामिल था परंतु स्थानीय कांग्रेस नेताओं के दबाव में भाजपा तक नहीं पहुँच पाई। पर अब नकली नोट कांड के दबाब में आ गईं। यह सब इतना गोपनीय रहा कि इस की भनक कांग्रेस को जरा भी नही लगी। मामला तब उजागर हुआ जब नेपानगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर के इस्तीफे की खबर राजपत्र में प्रकाशित हुई तो कांग्रेस में हडकंप मच गया। तब तक भाजपा बाजी मार कर कास्डेकर को भाजपा में शामिल कर चुकी थी। इस पूरे खेल में बुरहानपुर जिले में उनका विरोध होकर पुतले फूंके जा रहे है। इस पूरे घटना क्रम के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया चौकाने वाली रही। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय रघुवंशी का कहना है कि उन्हें नही मालूम के उनकी विधायक ने त्याग पत्र देकर भाजपा ज्वाईन कर ली है। कांग्रेस के द्वारा अपने विधायक के पक्ष में कुछ भी नही कहना और इस पूरे मामले पर कोई नजर नही रखना भी कांग्रेस की कमजोरी को उजागर करता है। जिस का लाभ उठाकर भाजपा ने कांग्रेस को एक बडा झटका दिया है।

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