लखनऊ, उत्तर प्रदेश बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को बने एक साल हो गया। लेकिन इस एकसाल के भीतर वे अपनी टीम नहीं बना पाए। नई टीम के लिए उन्हें अब भी केन्द्रीय नेतृत्व की हरी झंडी का इंतजार है। बताया गया कि स्वतंत्र देव सिंह जब अध्यक्ष बने थे तो वे यूपी सरकार में परिवहन मंत्री थे। बाद में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करते हुए परिवहन मंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया था। बता दें कि संगठन में काम के अनुभव और जातीय समीकरण में फिट बैठने के कारण स्वतंत्रदेव सिंह को अध्यक्ष बनाया गया था। वह लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे हैं। नब्बे के दशक में विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बनाए गए थे। उसके बाद 2001 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की असली परीक्षा 2022 में होगी, जिसके लिए वो एक साल बीतने के बाद भी अपनी टीम नहीं बना पाए हैं। टीम नहीं बनाए जाने पर स्वतंत्रेदव ने कहा कि संगठन अनवरत काम कर रहा है। जिला स्तर पर उनकी टीम तैयार है और वो कोरोनाकाल में भी काम करती रही है। उन्होंने कहा कि मिशन 2022 की तैयारियों को लेकर संगठन लगातार बूथ सम्मेलन, मंडल सम्मेलन, सेक्टर सम्मेलन, तीन बड़ी वर्चुअल रैलियां, विधानसभावार सम्मेलन जैसे काम कर रहा है। कोरोना के चलते टीम गठन के काम में देरी जरुर हो गई, लेकिन बीजेपी का कार्यकर्ता पद के लिए नहीं बल्कि देश के लिए काम करता है।