कानपुर, उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के शूटआउट कांड के सरगना विकास दुबे के नाम से कोई पासपोर्ट नहीं बना है। लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर से कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार को चिट्ठी भेजकर ये जानकारी दे दी गई है। पुलिस की ओर से नाम, पिता का नाम और गांव का स्थायी पता के आधार पर विकास दुबे के पासपोर्ट की जानकारी मांगी गई थी। पासपोर्ट दफ्तर ने साफ कर दिया है कि विकास दुबे के नाम का कोई पासपोर्ट नहीं जारी हुआ है। दावा किया गया था कि विकास दुबे की संपत्तियां दुबई और थाईलैंड में है और जय वाजपेयी ने उसके काले धन को देश के बाहर लगा रखा है। यहां तक कि उसका बेटा भी विदेश में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है, लेकिन हैरत की बात है कि विकास दुबे का कोई पासपोर्ट नहीं है।
इससे साफ होता है कि विकास दुबे ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। हालांकि, सवाल उठ रहा है कि अगर विकास दुबे विदेश गया है तो क्या उसने फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। अब पुलिस फर्जी पासपोर्ट के एंगल से मामले की तफ्तीश कर रही है। विकास दुबे के करीबियों से भी पासपोर्ट को लेकर पूछताछ की जा सकती है।
विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसकी संपत्ति की जांच शुरू हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विकास दुबे की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। ईडी ने यूपी पुलिस से विकास दुबे और उसके परिवार के सदस्यों, सहयोगियों के साथ आपराधिक गतिविधियों में सहयोगियों का विवरण मांगा है। ईडी ने विकास दुबे की संपत्ति की सूची उत्तर प्रदेश पुलिस से मांगी है। विकास दुबे के नाम से लखनऊ में दो बड़े मकान हैं। जय वाजपेयी, जो कि विकास दुबे का फाइनेंसर और सबसे विश्वस्त था। दावा किया गया था कि जय वाजपेयी के माध्यम से विकास दुबे ने अपनी काली कमाई का हिस्सा दुबई और थाईलैंड में निवेश किया है।