रेत खनन को लेकर पूर्व विधायक के बेटे ने चलाई गोली, कहीं जातीय संघर्ष में न बदल जाए लड़ाई

जबलपुर, शहपुरा इलाके में गत दिवस ग्राम कूंडा में रेत को लेकर पूर्व भाजपा विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह के पुत्र गोलू ने अपने दर्जन भर साथियों के साथ गांव में घुसकर ताबड़तोड़ अंदाज में गोलियां चलाईं। इस दौरान जो कुछ हुआ है उससे अब खतरा बढ़ा है कि रेत का विवाद कहीं जातीय संघर्ष में न बदल जाए। ऐसे संकेत मिले हैं कि जिस तरह से कूंड गांव के लोगों ने पूर्व विधायक के पुत्र को ललकारा है उससे यह शक हो रहा है कि रेत के लेकर नर्मदा के उस पार का एक शक्तिशाली गुट ग्राम कूंडा वालों का हौसला बढ़ा रहा है।
गौरतलब है कि ग्राम कूंडा राजपूतों के बाहुल्य वाला गांव है और गांव मेंं उनकी ही मोनोपाली चलती है। गांव में करीब आधा सैकड़ा ट्रेक्टर जिनमें भरकर रेत गांव के प्रवेश स्थल पर लाकर डाली जाती है और यहीं से डंपर और हाइवा वाले रेत खरीदते हैं। गत दिवस कूंडा गांव में गोली चलाने वाले यह चाहते हैं कि ट्रेक्टरों से रेत गांव के बाहर लाने का काम बंद हो और बड़ी मशीनों के जरिये रेत निकाली जाए। कूंडा गांव वाले इसके विरोध में हैं क्योंकि उनकी रोजी रोटी छिन जाने का खतरा है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी रही पर चर्चा चल रही है कि कूंडा की गोलीबारी में दोनो तरफ से गोलियां चली हैं। गाँव वालों ने पूर्व विधायक पुत्र को चुनौती पेश कर दी थी और गांव वालों का पलड़ा भारी होता देख गोलू को वाहन छोड़कर भागना पड़ा था। यदि वर्चस्व की लड़ाई यूं ही चलती रही तो रेत का कारोबार चंबल की बीहड़ वाले इलाके में पुश्तों से चले आ रहे जैसे जातीय संघर्ष के रूप में सामने आएगा। कूंडा की गोलीबारी ने राजपूत बनाम लोधी संघर्ष का आधार तैयार कर दिया है।
पूर्व विधायक का कट्टर समर्थक कूंडा गांव
रेत को लेकर जिस कूंडा गांव में पूर्व विधायक के पुत्र ने गोलीबारी कर वर्चस्व साबित करने का प्रयास किया है वह गांव उनकी मां श्रीमती प्रतिभा सिंह का कट्टर समर्थक माना जाता है।
प्रशासन को समय रहते चेतना होगा
रेत को लेकर जिस तरह से कारोबारी जरा से विवाद पर गोली चलाने उतारू हो जाते हैं उसे ध्यान में रखकर जिला और पुलिस प्रशासन को समय रहते चेतना होगा। यदि रेत कारोबारियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो स्थिति बेहद खतरनाक बनने में देर नहीं लगेगी।
संवेदनशील घाटों पर बने पुलिस चौकी
शहपुरा से लेकर बेलखेड़ा तक नर्मदा और हिरन के रेत निकासी घाटों पर प्रशासन को पुलिस चौकियां बनाकर शांति बनाये रखने का प्रयास करना चाहिये। पुलिस चौकियों में भी एएसएफ की तैनाती करना होगी।

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