गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद के कोतवाली क्षेत्र में एक व्यक्ति बुखार और खांसी से पीड़ित था फिर भी वह वहां पर लइया-चना बेचता रहा। नतीजा ये निकला कि चना बेचने वाला तो कोरोना संक्रमित था ही, अब उसके संपर्क में आए 10 और दुकानदार भी संक्रमित हो गये। एक ही गली में कई मरीजों के निकलने पर प्रशासन ने जब इनकी ट्रैवल हिस्ट्री पता की तो मालूम चला कि ये कहीं गये ही नहीं। फिर चना वाले के बारे में पता चला कि वो घूम-घूम कर लइया-चना बेचता है और उसे कई दिनों से बुखार और खांसी थी। जिसके कारण जिन दुकानदारों ने उसके यहां से खरीद कर खाया वो सब संक्रमित हो गये। राजघाट और तिवारीपुर थाना क्षेत्र में कई मरीज मिलने के बाद प्रशासन ने 18 जुलाई तक वहां संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है।
वहीं कोरोना ने सरकारी ऑफिसों और पुलिस विभाग में भी तेजी से दस्तक दी है। पुलिसलाइन और कैंट थाना में कई पुलिस कर्मी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, जबकि कमिश्नर के कैंप कार्यालय में उनके पीएस सहित चार कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए हैं। सदर तहसील के भी कर्मचारी कोविड-19 से पीड़ित मिले हैं। जेल में दो कैदी कोरोना पॉजटिव हुए हैं। इसके कारण 50 अन्य कैदी अब हाईरिस्क पर आ गये हैं। गोरखपुर में मौजूदा समय में कोविड-19 के 754 केस हो गये हैं, जिसमें से 17 की मौत हो गयी है। 424 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं जबकि 313 एक्टिव केस का इलाज चल रहा है, वहीं प्रशासन ने अब स्पोर्ट्स कॉलेज में भी कोरोना के मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया है।