जयपुर, राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा की बर्खास्तगी के बाद राज्य में गुर्जर आंदोलन भड़कने की आशंका है। इसे देखते हुए गुर्जर बहुल जिलों दौसा, धौलपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर व करौली जिलों में घोषित किया गया है। इन जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। पायलट और उनके तीन समर्थक मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बाद उनके समर्थक विधायक रामनिवास गावरिया ने ट्वीट कर कहा, “हर किसी का दमन करना तुम्हारा पेशा है। तुम्हारे दमन को सहना अब हमारे बस का नहीं है। पुरखों के हक और अपमान का बदला लेकर जादूगर के दमन का अंत राजस्थान में पायलट के नेतृत्व में युवा पीढ़ी करेगी।”
इस बीच, बानसूर में गुर्जर समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्थानीय विधायक शकुंतला रावत का पुतला फूंका। वहीं, दौसा जिले में भी सचिन पायलट के समर्थक सड़क पर उतर आए और मंत्री ममता भूपेश का पुतला फूंका। ममता ने सीएम गहलोत को समर्थन दिया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सचिन पायलट के समर्थन के चलते ही ममता भूपेश विधायक बनी थीं।
सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक जिले में प्रदेश कांग्रेस सदस्य सऊद सईदी ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, टोंक में रेल लाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अकबर खान ने ट्वीट कर सचिन पायलट से कहा, “मैं और मेरे पूरे लोग दलबल के निर्णय में आपके साथ हैं।” उनके समर्थकों ने गहलोत के खिलाफ नारेबाजी की।
खुफिया विभाग को मिले इनपुट के आधार पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। उल्लेखनीय है कि पौने दो साल पहले जब कांग्रेस सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत व पायलट के बीच चली खींचतान के दौरान भी गुर्जर समाज के लोगों ने कई जगह उपद्रव किया था।