… तो क्या अब हमें संस्कारों का उल्टा पाठ पढ़ाना होगा

जबलपुर, मप्र में मंत्रिमंडल के गठन के बाद महाकौशल और विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा के चलते लगातार नाराज चल रहे जबलपुर की पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने एक बार फिर ट्वीट के जरिए शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं। मंत्रियों के विभागों के वितरण के बाद सोमवार की सुबह उन्होंने फिर एक ट्वीट कर, कहा है कि भाजपा को मप्र में सरकार नहीं बनानी थी। अब हमें संस्कारों का उल्टा पाठ पढ़ाना होगा।
विश्नोई ने ट्वीट में लिखा कि इस हाथ दे, उस हाथ ले, का शानदार उदाहरण प्रस्तुत हुआ है। मध्यप्रदेश की वर्तमान राजनीति में आज जब सरकार न बनानी थी और न ही गिराना, फिर ये क्यों किया गया? आप भाजपा को कहा ले जाना चाहते हैं? उन्होंने ट्विट में कहा है कि जनता को बतायें या न बतायें भाजपा को यह बताना होगा या फिर हमें संस्कारों का उल्टा पाठ पढ़ाना होगा।
विश्नोई का यह ट्वीट प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंत्रियों के विभाग आवंटन पर निशाना साधा है, क्योंकि ज्यादातर बड़े विभाग सिंधिया समर्थक मंत्रियों के पास हैं। यहां बता दें कि इससे पूर्व मंत्रीमंडल में कांग्रेस से आये नेता को ज्यादा स्थान दिये जाने पर सवाल उठा चुके है। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस से आये उपचुनाव नेता को विभाग आवंटन नहीं किये जाने सलाह वो मुख्यमंत्री को दे चुके है। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा था जिसमें जनता की नाराजगी का हवाला देते हुये डैमेज कंट्रोल करने स्वयं मुख्यमंत्री से जबलपुर और रीवा का प्रभार लेने की सलाह दी थी। श्री विश्नोई की ट्वीट से भाजपा में खलबली मची हुई है। हालांकि श्री विश्नोई जी ने पार्टी लाईन से हटकर कोई भी बयान नहीं दिया। उनका कहना है कि वे पहले भी पत्र लिखकर अपनी राय रहे और अभी भी दे रहे है।

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