भोपाल, राज्य सरकार विधानसभा में बजट पेश करने से पहले प्रदेश का आर्थिक सर्वे पेश करेगी। इससे पता चलेगा कि प्रदेश आर्थिक सक्षमता में देश में किस स्थान पर है। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय कितनी रह गई है। कोरोना ने आर्थिक रूप से राज्य सरकार को कितना नुकसान पहुंचाया। इसका जवाब आर्थिक सर्वेक्षण में मिलेगा। सूत्रों की माने तो पिछले साल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में 9.71 फीसद बढ़ोतरी के आंकड़े सामने आए थे। विधानसभा का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है। चार दिनी इस सत्र में सरकार सदन से वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पास कराएगी। इससे पहले प्रदेश के आर्थिक हालातों पर सरकार विधानसभा पटल पर सर्वे रखेगी। इसमें बताया जाएगा कि लॉकडाउन के चलते करीब 14.50 लाख श्रमिकों की दूसरे प्रदेशों से वापसी के बाद प्रति व्यक्ति आय में कितनी गिरावट आई है और राष्ट्रीय औसत की तुलना में गरीबी का स्तर कहां पहुंचा है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में शिक्षा, स्वास्थ्य, अनाज खरीदी से लेकर तमाम क्षेत्रों की स्थिति का ताजा आकलन रहेगा। इसके अलावा सर्वेक्षण में प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु भी शामिल रहेंगे। सरकार को रेत खदानों, केंद्र और राज्य के करों (टैक्स) से भी अपेक्षाकृत राजस्व नहीं मिला। इससे सरकार को 26 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सर्वे में इसकी स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी। प्रदेश के खजाने की हालत पहले से ही खस्ता थी। ऐसे में दो माह लगातार लॉकडाउन ने सरकार को आर्थिक संकट में लाकर खड़ा कर दिया है। लॉकडाउन में शराब की बिक्री बंद होने से ठेकेदारों ने 3605 में से 1700 दुकानें छोड़ दीं।