उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए विकास दुबे को लेकर कानपुर रवाना

उज्जैन, उत्तर प्रदेश के कानपुर इलाके के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन पुलिस द्वारा महाकाल मंदिर से गुरुवार सुबह गिरफ्तार किये जाने के बाद देर शाम यूपी एसटीएफ की टीम उसे अपने साथ लेकर विशेष चार्टर्ड प्लेन से लेकर कानपुर रवाना हो गई, इसके पहले उसे वीडियो कॉन्फरेंसिंग से सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। उस पर दो और 3 जुलाई की दरमियानी रात हुई फायरिंग में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप है तथा वह 5 लाख का इनामी बदमाश होकर फरार था उक्त बदमाश सुबह 250 रुपए की टिकट लेकर दर्शन करने आया था। वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड को शक हुए और उसने उन्हें पूछताछ के लिए रोका और महाकाल थाना पुलिस के हवाले कर दिया जहां से यह प्रारंभिक पुष्टि हुई है कि यह विकास दुबे कानपुर वाला ही है।
पता चला है एक शराब कंपनी के मैनेजर ने उसे उज्जैन बुलाया था। जिसके बाद दोपहर में पुलिस ने सागर कंपनी के मैनेजर आनंद तिवारी तथा उसके पूरे परिवार को हिरासत में ले लिया है तथा उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है। आनंद तिवारी यूपी का रहने वाला बताया जाता है और विकास दुबे से उसकी नजदीकियां थीं तथा अपुष्ट सूत्रों ने उसकी रिश्तेदारी होना भी बताई है। उसके नागझिरी स्थित निवास को भी सील किया गया है। सागर कंपनी में पिछले कई वर्षों से कार्यरत रहते हुए यह उज्जैन में ही था। इसी ने विकास दुबे को उज्जैन बुलाया।
यहां मीडिया से बातचीत में एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सुबह 7:30 बजे महाकाल मंदिर के पास पूजा फूल की दुकान पर एक व्यक्ति ने दर्शन के बारे में सुरेश माली नामक दुकान वाले से पूछताछ की थी जिस पर उसने मंदिर दर्शन के लिए उसे बड़ा गणेश शंख द्वार के तरफ भेजा था इसी दौरान उसे चेहरे से व्यक्ति संदेही लगा तो उसने मंदिर के सुरक्षा गार्ड राहुल शर्मा धर्मेंद्र अर्जुन सहित मंदिर कर्मचारी गोपाल कुशवाहा को सूचित किया इसके पश्चात उक्त सुरक्षाकर्मियों और मंदिर कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी जैसे ही विकास दुबे महाकाल मंदिर से दर्शन करके बाहर आने लगा उसे मंदिर सुरक्षाकर्मियों तथा पुलिस ने अपनी सुरक्षा में लिया और पूछताछ की पहले उसने अपना नाम शुभम बताया लेकिन सुबह 9:00 बजे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उससे सख्ती से पूछताछ की ओर मोबाइल नंबर पर फोन लगाया तो वह विकास दुबे के रूप में पहचाना गया एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रारंभिक रूप से विकास दुबे पिता राम कुमार दुबे उम्र 52 वर्ष निवासी ग्राम बिक्री थाना चौबेपुर जिला कानपुर के रूप में पहचान होने पर कानपुर के एसएसपी से बात की गई तथा संबंधित विकास दुबे का फोटो मंगवाया गया तथा 9:30 बजे उस फोटो पहचान तथा विजुअल के आधार पर कानपुर एसएसपी की पहचान के बाद तस्दीक हुई कि यह वही विकास दुबे है जिस पर 5 लाख का इनाम है तथा कानपुर में हुई मुठभेड़ तथा 8 पुलिसकर्मियों की हत्या से जुड़ा हुआ ख्यात अपराधी है उत्तर प्रदेश की एसटीएफ पुलिस की ओर से डीएसपी और उनका दल आया तथा बताया कि डीएसपी देवेंद्र मिश्रा थाना प्रभारी शिवराजपुर महेश चंद्र यादव सब इंस्पेक्टर नींबू लाल चौकी इंचार्ज मंधाना अनूप कुमार सिंह सिपाही सुल्तान सिंह सिपाही राहुल सिपाही बबलू और सिपाही जितेंद्र की मुठभेड़ में उक्त अपराधी और उसके ग्रहों द्वारा हत्या कर दी गई थी
उत्तर प्रदेश का हिस्ट्रीशीटरखुद बोला मैं विकास दुबे हूं…..
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला हत्यारा विकास दुबे गुरुवार सुबह 8:00 बजे ₹250 की रसीद लेकर बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचा इस दौरान संदेह होने पर सुरक्षाकर्मी तथा मंदिर कर्मचारी और पुलिस कर्मी उसका दूर से पीछा करते रहे तभी दर्शन लाभ लेने के बाद जूना महाकाल के निकट जब पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद हिरासत में लिया बाद में उसे पुलिस चौकी लाया गया तथा पुलिस चौकी से सुबह 9:30 बजे पुलिस वैन में बैठा कर ले जाने लगे तो वह पुलिस वैन के बाहर जोर से चिल्लाने लगा अरे मैं विकास दुबे हूं मैं विकास दुबे हूं मैं विकास दुबे हूं इससे पहले मंदिर कर्मचारी और एसआईएस सिक्योरिटी तथा मंदिर में पदस्थ पुलिसकर्मी उक्त बदमाश विकास दुबे को मंदिर चौकी ले गए जहां सुरक्षा कर्मी प्रभारी रूबी यादव सुरक्षा कर्मी द्वारा उससे पूछताछ की गई तथा वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करने के बाद उसे महाकाल थाने ले जाया गया खुद कलेक्टर और एसपी महाकाल मंदिर पहुंचे
महाकाल प्रशासक सुजान सिंह रावत की मंदिर सुरक्षा टीम द्वारा बहुत ही अच्छा कार्य किया गया नियम के अनुसार महाकाल टीम को भी इस कार्य के लिए पुरस्कार मिलना चाहिए मामले की जानकारी लगते ही एसपी मनोज कुमार सिंह भी महाकाल थाने पहुंचे तथा यहां से पुलिस गैंगस्टर को अपने साथ शासकीय वाहन में बैठाकर ले गई! गौरतलब है कि यूपी में 8 पुलिसवालों की हत्या के आरोप में फरार चल रहा विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम घोषित है
उत्तर प्रदेश के कानपुर का यह है यह हाय प्रोफाइल मामला
गुरुवार को हुई इस गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में थाना चौबेपुर अंतर्गत पुलिस चौकी मंधाना में हुई मुठभेड़ के दौरान 2 एवं 3 जुलाई की मध्य रात्रि इस कुख्यात अपराधी की गैंग के सदस्यों द्वारा भुठभेड़ में मारे गये आठ पुलिस कर्मियों के मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे का गुरुवार का पर्दाफाश हो गया। पुलिस के अनुसार अपराध क्रमांक 192/ 2020 अंतर्गत धारा 147 148 149 302 307 394 व सहपाठी धारा 7 अंतर्गत हिस्ट्रीशीटर द्वारा सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद यूपी पुलिस का क्रोध सातवें आसमान पर था। अधिकरियों के साथ साथ यूपी के हर थाने के सिपाही तक में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या का बदला लेने की आग सुलग रही थी। पुलिस विकास की तलाश में दिन रात एक किए थी। पुलिस ने विकास के कई कारखासों को मुठभेड़ में मार गिराया। विकास को पकड़ने के लिए पिछले एक सप्ताह से प्रदेश के सभी जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी और चौराहों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। पुलिस की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई में कई चीजे सामने आई पर विकास पुलिस के हाथ नहीं आया। लेकिन फिर भी यूपी पुलिस अपने मकसद पर डटी रही और हिम्मत नहीं हारी विकास को जिंदा या मुर्दा पकड़ने को पुलिस ने कई प्लान बनाए और कई बार लगभग विकास के नजदीक तक पहुंच गयी लेकिन फिर भी वह पुलिस के हाथ नहीं लगा। इधर यूपी पुलिस अपने आठ साथियों की हत्या का बदला लेने के लिए दिन रात एक कर रही थी कि तभी अचानक गुरुवार को सुबह यह खबर आयी की विकास दुबे मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
विकास मंदिर के अंदर चाकू लेकर प्रवेश कर गया… मिली जानकारी के अनुसार विकास दुबे जब मंदिर में अंदर दर्शन करने गया तो उसकी कमर में पैंट के अंदर चाकू था जब पुलिस ने उसे प्रारंभिक पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और जांच की तो उसके पास से चाकू निकला वहीं उसके काले बैग में से कपड़े और शुभम नाम की आईडी निकली पहले तो आप उसको शुभम बताता रहा लेकिन जब सुरक्षा प्रभारी रूबी यादव ने उससे पूछा कि मोबाइल नंबर बोलो जब उसने मोबाइल नंबर बोला तो ट्रूकॉलर पर विकास दुबे लिखा आया इधर एसपी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें विकास के पास से चाकू बरामद होने की कोई जानकारी नहीं आई है इसलिए कोई मामला नहीं बनाया गया है सीधे उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम को उसकी सुपुर्दगी दे दी गई है……. कोर्ट में वकीलों की नारेबाजी के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई पेशी
गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के बाद उज्जैन पुलिस उसे शाम 4:00 बजे कोर्ट में पेश करने वाली थी लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी विकास दुबे को कोर्ट में पेश नहीं किया गया।जैसे ही पता चला कि विकास दुबे को आज शाम 4:00 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा तो उज्जैन से लेकर कई जिलों की मीडिया कोर्ट परिसर पहुंच गए थी लेकिन यहां घंटों इंतजार के बाद भी कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पेश नहीं किया गया था हालांकि इसके पहले मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक यादव तथा सचिव प्रकाश चौबे सहित कुछ कोर्ट के वकीलों ने अपना विरोध जरूर शुरू कर दिया वकीलों का कहना था कि जिस तरह का विकास दुबे ने जुर्म किया है उसे देखते हुए उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए तभी शहीद हुए पुलिस कर्मियों को सही शहादत मिल पाएगी इसी को लेकर उज्जैन के कुछ वकीलों ने कोर्ट परिसर के गेट पर धरना देकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया और वकीलों ने पुलिस के गद्दारों को लाठी मारो सालों को जैसे नारे लगाकर अपना विरोध जाहिर किया। इधर आशीष तिवारी नामक एक अभिभाषक ने विरोध कर रहे अभिभाषको को कटघरे में खड़ा कर दिया तथा कहने लगा की विकास दुबे ब्राह्मण है इसलिए उसकी पैरवी करने की जरूरत पड़ी तो मैं खुद पैरवी कर लूंगा. कोठी पर अभिभाषको के प्रदर्शन की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने गैंगस्टर विकास दुबे को कोर्ट में पेश करने का तरीका बदल दिया और वीडियोग्राफी के माध्यम से दुबे को सीजेएम करती पांडे की कोर्ट में पेशी कराई गई इसके पश्चात उज्जैन पुलिस ने यूपी एसटीएफ को सौंप कर उसे कड़ी सुरक्षा के बीच रात को कानपुर के लिए रवाना कर दिया है। इधर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने उसे बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहनाया है तथा चार्टर प्लेन के जरिए इंदौर से कानपुर ले जाने की व्यवस्था की गई है
मंदिर में विकास ने अपना नाम शुभम बताया
मंदिर में संदेह के आधार पर जब विकास दुबे को सुरक्षाकर्मियों मंदिर कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों द्वारा अपने साथ ले जाकर पूछताछ की गई तो उसने पहले अपना नाम शुभम बताया तथा उस कार्ड पर उसकी आयु 28 वर्ष लिखी थी लेकिन कार्ड में उम्र तथा विकास की उम्र मैं काफी अंतर था तो पुलिस को और अधिक संदेह हुआ बाद में उसके फोन का नंबर लिया गया तथा ट्रूकॉलर से डायल किया तो विकास दुबे नाम लिखा हुआ है सूत्रों के अनुसार विकास के पास से नवीन पॉल नाम का फर्जी आईडी कार्ड मिला, जिसमे फ़ोटो विकास का था।-
फेसबुक पर आईडी में महाकाल भक्त और यहीं से पकड़ाया
विकास दुबे की फेसबुक आईडी पर भी महाकाल के फोटो हैं। इससे मालूम होता है कि पहले भी वह उज्जैन आता रहा है इधर शूटआउट के छठे दिन वह अचानक महाकाल मंदिर पहुंच गया और यहां सुरक्षाकर्मियों ने उसे पहचान कर पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई विकास दुबे यहां जान बचाने की मंशा से आया और महाकाल दर्शन कर अपने पापों का प्रायश्चित करने की इच्छा जताई। कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिहपुर गांव में 6 दिन पहले शूटआउट हुआ था जिसमें गैंगस्टर विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था।

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