पतंजलि की कोरोनिल को बिक्री की हरी झंडी, बाबा रामदेव बोले न पीएमओ को फोन किया, न शाह से बात

नई दिल्ली, कोरोना की वैक्सीन के लिए जहां दुनियाभर में कोशिशें चल रही हैं, वहीं बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद द्वारा बनी कोरोनिल विवाद का केंद्र बन गई है। बाबा रामदेव ने कोरोनिल को लेकर उठाए जा रहे तमाम सवालों पर इस विवाद को शब्दों का मायाजाल बताया है। साथ ही बाबा रामदेव ने विवाद पर सरकार के साथ तालमेल के सवाल पर कहा कि मैंने इस मसले पर न पीएमओ में बात की है, न ही गृहमंत्री अमित शाह से बात की है और न ही किसी बड़े मंत्री से बात की है।
दरअसल,बाबा रामदेव ने कोरोनिल विवाद को शब्दों का मायाजाल बताकर कहा है, कि आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल को कोरोना मैनेजमेंट की दिशा में अच्छा प्रयास बताया है। मंत्रालय के रुख पर बाबा ने कहा कि कोरोना मैनेजमेंट की जगह कोरोना पेशेंट ठीक हुए, ये भी बोल सकते हैं, लेकिन क्योर शब्द में दिक्कत थी, अब मैं क्योर शब्द नहीं बोल रहा हूं, लेकिन ये दवा पूरे देश में मिलेगी।
23 जून कोरोनिल की लांच के साथ ही शुरू हुए विवाद के बावजूद कोरोनिल मार्केट में कैसे मिलेगी, इस पर बाबा रामदेव से सवाल किया गया कि उन्होंने सरकार के साथ कौन सा मैनेजमेंट किया है। इस सवाल पर बाबा रामदेव ने कहा,कोई मैनेजमेंट नहीं है। कोई हिडेन एजेंडा नहीं है। मैं लोगों का भला चाहता हूं। मैंने कोई पीएमओ में बात नहीं की है, कोई अमित शाह के यहां होम मिनिस्ट्री में बात नहीं की है, किसी बड़े मंत्री से मैंने बात नहीं है। हां, आयुष मंत्रालय से जरूर बात की है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी आप क्योर शब्द मत बोलिए, बाकी आप जो कर रहे हैं वहां करते रहिए, उन्होंने मैनेजमेंट शब्द बोला। क्योर शब्द वाली बात हमने भी आयुष मंत्रालय की मान ली”
यानी बाबा रामदेव ने कोरोनिल को लेकर जितने भी सवाल उठाए जा रहे हैं, उनके जवाब में ये कहा है कि ये क्योर को मैनेजमेंट का नाम दिया गया है, इसलिए ये सिर्फ शब्दों का मायाजाल है। बाबा रामदेव ने कहा कि मैं देश का कानून मानने वाला व्यक्ति हूं और कोरोनिल के लिए हर प्रक्रिया का पालन किया गया है। क्लीनिकल ट्रायल के नियमों का भी पालन किया गया है, साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस को भी पूरे तरीके से अपनाया गया है।

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