भोपाल , बिजली की तरह शहर के कई घरों में पानी का बिल फिर पहुंचना शुरू हो गया है। लॉकडाउन की वजह से यह रूक गया था। रीडर घर पहुंचकर मीटर देख कर बिलिंग कर रहे हैं। यानि जितना पानी उपयोग करेंगे, उतना पैसा चुकाना पड़ेगा। नगर निगम ने दो लाख घरों में स्पॉट बिलिंग करने का लक्ष्य रखा है। कुछ महीने पहले तक 10-11 हजार घरों में स्पॉट बिलिंग चल रही थी। पर गड़बड़ी की शिकायतों और करार खत्म होने पर यह इसका जिम्मा संभाल रही कंपनी ने आगे काम करने से इंकार कर दिया। ऐसे में नगर निगम ने स्पॉट बिलिंग के लिए दूसरी कंपनी का चयन किया। अगले तीन साल में शहर के करीब दो लाख घरों व कॉलोनियों में स्पॉट बिलिंग का टारगेट रखा गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 40 हजार घरों में मीटर से बिलिंग होने पर निगम का जलप्रदाय पर होने वाला नुकसान 50-60 करोड़ की जगह 10 से 12 करोड़ रुपए रह जाएगा।
एक लाख घरों में लगे मीटर
जेएनएनयूआरएम में करीब 415 करोड़ रुपए की लागत से शहर में फीडर मैन, ओवरहेड टंकियां, डिस्ट्रीयूशन नेटवर्क और मीटर लगाने का काम दस साल पहले शुरू किया गया था। मौजूदा स्थिति में फीडर मैन, टंकियों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। डिस्ट्रीयूशन नेटवर्क करने के साथ घरेलू व बल्क कनेशन देने और मीटर लगाने का काम चल रहा है। नगर निगम दो लाख घरों व कॉलोनियों में घरेलू व बल्क मीटर लगाने का टारगेट रखा है। फिलहाल एक लाख घरों में कनेशन के साथ मीटर लगाने का दावा निगम कर रहा है।
बदली गई बिलिंग एजेंसी
जोन 14 व 15 के करीब 15 हजार घरों में निगम मीटर लगा चुका है। यहां बिजली की तरह पानी की बिलिंग होने लगी थी। हर महीने तय 180 रुपए की बजाय बिल 250 से 350 रुपए तक आने लगा। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए कि उपभोता को हजारों रुपए का बिल थमा दिया गया। यह शिकायतें निगम के आला अफसरों तक पहुंची। ऐसे में संबंधित एजेंसी से यह काम छीन लिया गया। इस बीच करीब ढाई हजार घरों से मीटर चोरी होने की जानकारी भी सामने आई। लिहाजा निगम ने इस काम के लिए दूसरी एजेंसी का चयन किया। उसे स्पॉट बिलिंग के साथ यह सर्वे करना होगा कि कितने घरों में मीटर नहीं लगा है। इन घरों में मीटर लगाने और जहां मीटर खराब हो गए हैं या कोई दिक्कत आ रही है, उनको बदलने की जिम्मेदारी भी संभालना होगी। इसके लिए चयनित कंपनी को 6.63 करोड़ रुपए दिया जाएगा।
ये लगेगी पेनाल्टी
– स्पॉट बिलिंग में त्रुटि पर, दस रुपए प्रति बिल
– तय दिन से रीडिंग लेने में देरी पर, तीन रुपए प्रति उपभोक्ता प्रति दिन
– उपभोक्ता से मिली शिकायत सही निकलने पर, 100 रुपए प्रति शिकायत दंड