लखनऊ, लंबी छानबीन के बाद लखनऊ पुलिस ने कार चोरों के एक बड़े गैंग का खुलासा किया है। यह गिरोह सड़क हादसे में क्षतिग्रस्त गाड़ी खरीदता था। इसका चेसिस और इंजन नंबर चोरी की गाड़ी पर चढ़ा देता था। फिर पुरानी गाड़ी के कागज की मदद से चोरी की गाड़ी बेच देता था। फिलहाल पुलिस ने गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार (ठाकुरगंज निवासी रिजवान, अमीनाबाद निवासी नासिर खान, कानपुर निवासी श्यामीजी जायसवाल, आलमबाग निवासी विनय तलवार और हसनगंज निवासी मोईनुद्दीन) किया है और चोरी की 50 गाड़ियां बरामद की हैं। अफसरों के मुताबिक, गिरोह का नेटवर्क देशभर में है। गिरोह के लोगों की तलाश में कई राज्यों में छापेमारी जारी है। इस बीच गैंक का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।
पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि 15 जून को चिनहट पुलिस चेकिंग के दौरान आई20 कार सवार कुछ लोग पुलिस को देखकर गाड़ी छोड़कर भाग गए थे। गाड़ी की नंबर प्लेट पर यूपी 32 एफबी 7474 दर्ज था। छानबीन में पता चला कि 2013 मॉडल की गाड़ी कैसरबाग निवासी नासिर खां की है। गाड़ी काफी नई होने के कारण डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा, एडीसीपी पूर्वी अमित कुमार और एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र सिंह को जानकारी दी गई। शक के आधार पर फरेंसिक टीम की मदद से छानबीन शुरू की गई। इंजन और चेचिस नंबर से छेड़छाड़ की पुष्टि होने पर केमिकल का प्रयोग किया गया। पता चला कि गाड़ी का सही नंबर यूपी 32 केडब्ल्यू 3999 है। छानबीन में गाड़ी के पांच जून को गोमतीनगर से चोरी होने की बात सामने आई। गाड़ी मालिक ने रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी। पुलिस कमिश्नर के अनुसार गैंग इतने हाईटेक और शातिर तरीके से काम करता था कि चूक की गुंजाइश न रहे।