जबलपुर,डॉ. स्वामी प्रज्ञानंद महाराज की पार्थिव देह रविवार की शाम 6 बजे प्रज्ञाधाम कटंगी पहुँची। जहाँ आज सोमवार की सुबह 7 से 9 बजे तक अंतिम दर्शन के बाद स्वामी जी का अभिषेक किया गया,फिर उन्हें आश्रम में ही समाधिस्थ किया गया। प्रज्ञा मिशन की उत्तराधिकारी डॉ. साध्वी विभानंद गिरी ने बताया कि विश्व संत के रूप में ख्याति प्राप्त महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज ने इसी शनिवार की शाम अपनी नश्वर देह त्याग दी थी दिल्ली स्थित साकेत धाम में वे दोपहर को विश्राम करने के लिए गए इसी दौरान विश्राम की मुद्रा में ही रह गए उनके चिर विश्राम करने की खबर जब जबलपुर पहुंची तो लाखों शिष्यों में शोक की लहर व्याप्त हो गई क्योंकि स्वामी जी की कर्मभूमि जबलपुर रही और भक्तों ने फैसला किया कि स्वामी जी की समाधि उनके गृह ग्राम और कर्म स्थली में ही की जाएगी लिहाजा सड़क मार्ग से दिल्ली से उनकी पार्थिव देह जबलपुर लाई गई। साध्वी विभानंद गिरी ने बताया कि सबेरे 11:00 बजे संत परंपरा के मुताबिक और राज्य सूर्य यज्ञ स्थल पर उनको समाधि दी गई कोरोना संक्रमण के चलते साध्वी देवानंद की अपील पर गुरु के प्रति श्रद्धा के भाव रखने वाले सभी श्रद्धालु कोरोना के चलते अपने-अपने घरों से ही उनका स्मरण कर श्रद्धांजलि दी समाधि स्थल पर भीड़ ना हो इसके लिए प्रशासन ने भी सुरक्षा के इंतजाम किए ताकि भीड़ लगने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके लेकिन वहां पहुंचने की अनुमति किसी को नहीं थी। स्वामी जी की शिष्य मंडली के 20 सदस्यों ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूर्ण कराई। जहां तक स्वामी प्रज्ञानंद का सवाल है तो वे शिक्षा जगत से जुड़े रहे उनके अंदर एक गुरुत्व की भावना हमेशा से रही है 80 के दशक में वे जबलपुर के है साइंस कॉलेज में प्रोफेसर रहे इस्तीफा देकर व आध्यात्मिक की तरफ आए सबसे पहले भी गायत्री परिवार के आचार्य श्रीराम शर्मा के उत्तराधिकारी बने लेकिन बाद में उत्तराधिकारी बदल जाने से उन्होंने अपनी अलग पीठ कोली और साईं प्रज्ञा पीठ के नाम से दिल्ली में साकेत आश्रम यहां कहना यह अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ब्रह्मलीन स्वामी जी के ना केवल जबलपुर बल्कि देश और विदेशों में भी बड़ी संख्या में शिष्य मौजूद है आज भी स्वामी जी के आकाशवाणी संदेश से अमेरिका और इंग्लैंड में नीमच रूप से गायत्री मंत्र का जाप भक्त सुनते हैं और उसे दोहराते हैं स्वामी जी के निधन से आध्यात्मिक जगत की एक अपूरणीय क्षति हुई है स्वामी जी के निधन का समाचार पाकर जबलपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद राकेश सिंह पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने प्रज्ञा धाम कटंगी पहुंचकर स्वामी प्रज्ञानंद की ब्रह्मलीन देह पर पुष्पमाला चढ़ा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की इसके बाद स्वामी जी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रारंभ हुई स्वामी जी के दर्शन के लिए हजारों की भीड़ इकट्टा हो गई थी अंतिम दर्शनों के उपरांत शिष्य मंडली ने संत परंपरा के अनुसार प्रज्ञा धाम में राज सूर्य यज्ञ स्थल पर स्वामी जी को समाधि दी। इस अवसर पर स्वामी जी के शिष्यों और आश्रम से जुड़े लोगों की आंखें नम हो गई।