जबलपुर के युवक का देहरादून क्वारेंटीन सेंटर में लटका मिला शव

जबलपुर, शहर के रहने वाले एक युवक ने देहरादून के क्वारंटाइन सेंटर में खुदकुशी कर ली। मृतक की पहचान संकेत मेहरा (20) के रूप में हुई। युवक की हाल हीं में रेलवे में नौकरी लगी थी। वह गुजरात के वडोदरा में ट्रेनिंग करने गया और इस बीच लॉकडाउन लगने के बाद वडोदरा में ही अपनी ट्रेनिंग पूरी और फिर 2 जून को उसे दिल्ली ट्रेनिंग के लिए रवाना किया गया। दिल्ली की जगह वह देहरादून के क्वारंटाइन सेंटर में कैसे पहुंचा, यह सवाल परिवार को परेशान कर रहा है। जबकि संकेत की लाश सड़ने से बवाल मचा हुआ है।
जैसे ही यह खबर जबलपुर में उसके परिजनों को लगी तो वह इस बात पर यकीन ही नहीं कर सके। वे समझ ही नहीं पा रहे हैं कि संकेत दिल्ली की बजाए देहरादून कैसे पहुंचा। संकेत के पिता के अनुसार, आखिरी बार उनकी बात 2 जून को उससे तब हुई थी जब वह बड़ोदरा से ट्रेन में चढ़कर दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। 2 जून से करीब 10 दिन बीत गए और संकेत की कोई खबर नहीं थी। इस बीच परिजन परेशान रहे लेकिन शुक्रवार को अचानक देहरादून से आए एक फोन ने संकेत के परिजनों को स्तब्ध कर दिया। पुलिस ने बताया कि आपके बेटे की लाश क्वारंटाइन सेंटर में मिली है और वह फांसी के फंदे पर झूला हुआ था।
सड़ गई लाश,उठ रहे कई सवाल
संकेत की खुदकुशी की तस्वीर भी सामने आ गई जिसमें लाश कई दिन पुरानी दिख रही है। इस बीच कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि क्या क्वारंटाइन सेंटर पर रहने वाले मरीजों की कोई पूछ परख नहीं थी क्योंकि लाश सड़ गई है जो करीब 5 दिन पुरानी हो सकती है। देहरादून से मिले इनपुट के आधार पर बताया गया कि 5 जून को वह देहरादून के क्वारंटाइन सेंटर पहुंचा था और उसके बाद से यहीं था। यही नहीं, उसके परिजन भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वह दिल्ली के बजाए देहरादून कैसे पहुंचा और फिर क्वारंटाइन सेंटर की उसको क्या जरूरत पड़ गयी।
पुलिस ने दर्ज किया आत्महत्या का मामला
देहरादून के सरदार भगवान दास मेडिकल कॉलेज के बॉयज हॉस्टल में संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां से रायपुर थाने को सूचना दी गई कि एक कमरे में रखा गया युवक न दरवाज़ा खोल रहा है और न ही जवाब दे रहा है। पुलिस को यह भी बताया गया कि कमरे से बदबू आने लगी है। सब-इंस्पेक्टर जगमोहन सिंह राणा मौके पर पहुंचे तो कमरे की कुंडी अंदर से लगी होने के कारण दरवाजा तोड़ना पड़ा। अंदर युवक का शव पंखे से लटका हुआ था और उससे बदबू उठने लगी थी। राणा कहते हैं कि परिस्थितियों को देखते हुए तो यह आत्महत्या का मामला ही लगता है।
क्वारेंटाइन सेंटरों का हाल बेहाल
युवक की मौत के साथ ही एक बार फिर क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। उत्तराखंड में अभी तक क्वारंटीन सेंटरों में 11 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। नैनीताल के बेतालघाट क्वारंटीन सेंटर में तो एक बच्ची की सांप के काटने से मौत हो गई थी।

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