प्रबंधन की लापरवाही से विक्टोरिया में शोपीस बनी ब्लड कंपोनेट मशीन

जबलपुर,सामाजिक संस्थाओं की पहल पर जिला चिकित्सालय विक्टोरिया में रक्त संबंधी रोगों के उपचार के लिए लगाई गई ब्लड कंपोनेट सेपरेशन मशीन धूल खा रही है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा ऐसे गरीब मरीज भुगत रहे हैं। जो अस्पताल में डेंगू चिकुनगुनिया, मलेरिया, थैलेसीमिया व सिकल सेल का इलाज कराने आते हैं। विक्टोरिया अस्पताल में ब्लड बैंक होने के बावजूद जब एनीमिया, थैलेसीमिया व सिकल सेल के मरीजों को ब्लड की जरूरत होती है तो कंपोनेट यूनिट न होने के कारण एल्गिन अस्पताल पैक सेल ब्लड लेने जाना पड़ता है। जिसके कारण मरीज के परिजनों को कई परशोनियों का सामना करना पड़ता है। जिसे देखते हुए कलेक्टर भरत यादव की पहल पर शहर की सामाजिक संस्थाओं की मांग पर जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट यूनिट की स्थापना का निर्णय लिया गया।
कैसे काम करती है मशीन
ब्लड में चार कंपोनेंट होते हैं। इनमें रेड ब्लड सेल, प्लाज्मा, प्लेब्लेट्स व क्रयोपे्रसीपिटेट शामिल हैं। सेपरेशन यूनिट में ब्लड को घुमाया जाता है। इससे ब्लड परत-दर-परत हो जाता है। और आर.बी.सी. प्लाज्मा, प्लेटलेशन व क्रायोप्रेसीपिटेट अलग-अलग हो जाते हैं। जरूरत के मुताबिक इन्हें निकाल लिया जाता है। आमतौर पर थैलेसीमिया, डेंगू, एनिमिया, कैंसर, सिकल सेल, हार्ट के मरीजों को पेक मेल की जरूतर होती है। उपचार के दौरान इन्हें मशीन में तैयार किया गया पैक सेलवाला ब्लड चढ़ाना उपचार में लाभकारी होता है।
”ब्लड कंपानेंट सेपरेशन मशीन के संचालक में हो रही परेशानियोंको जल्द दूर कर इसे शुरू कराया जाएगा।
डॉ. सी.बी. अरोरा
सिविल सर्जन विक्टोरिया अस्पताल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *