भोपाल, कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है। लॉकडाउन में छूट के बाद सरकार जुलाई से सभी शैक्षणित संस्थाओं को खोलने का निर्णय लेने जा रही है। जिसमें सिर्फ छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं ही संचालित होंगी। पहली से पांचवी तक की कक्षाएं संचालित करने का फैसला बाद में होगा। मप्र सरकार भी इसी तर्ज पर प्रदेश में जुलाई से स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) भी इसी तरह कक्षाएं संचालित करेगा।
प्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर राज्य सरकार ने अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया है। विभाग ने स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण (एनसीपीसीआर) के साथ विभाग की वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा की गई। इसमें राज्य के स्कूलों को संचालित करने के संबंध में सभी से सुझाव मांगे गए। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल खोलने के संबंध में जब गाइडलाइन तैयार होगी तो सभी के सुझाव को भी शामिल किया जाएगा। इसमें अभिभावकों से भी उनके सुझाव लिए जाएंगे।
स्कूलों के लिए बनेगी गाइडलाइन
भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना से बचने के लिए 10 साल से कम उम्र और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गोँ को घर में रहने की सलाह दी गई है। पांचवी कक्षा तक के बच्चों की आयु 10-11 साल ही होती है। ऐसे में सरकार पहली से पांचवी कक्षा तक की कक्षाएं फिलहाल संचालित नहीं करेगी। जून के आखिरी में सरकारी स्कूल संचालन को लेकर गाइडलाइन जारी करेगी। जिसमें स्कूलों में मास्क,्र सोशल डिस्टेंस आदि का सख्ती से पालन करने पर जोर रहेगा। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में भी इसी तरह की व्यवस्था रहेगी।
अलग-अलग दिन आएंगे बच्चे
प्रत्येक कक्षा के बच्चों को सम और विषम संख्या में बांटकर एक दिन छोड़कर बुलाया जाएगा। इससे प्रत्येक कक्षा में बच्चों की संख्या आधी होगी, यानि सम संख्या के बच्चे एक दिन आएंगे तो विषम संख्या वाले की उस दिन छुट्टी रहेगी। प्रत्येक कक्षा में बैठक व्यवस्था के दौरान भी सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा। इसके तहत एक बेंच पर एक बच्चा बैठेगा और छह फीट की दूरी होगी। साथ ही लैब और लायब्रेरी में दस या बारह बच्चों से अधिक नहीं जा सकेंगे।
दो पालियों में लगेंगे स्कूल
बच्चों की संख्या ज्यादा होगी तो दो पालियों में स्कूल लगाए जाएंगे। स्कूलों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा। इसके बाद हर दिन बच्चों के हाथ सैनिटाइज किए जाएंगे व स्क्रीनिंग भी होगी। जब तक स्थिति सामान्य नहीं रहेगी, तब तक स्कूल पूर्णत: नहीं खुलेंगे। बच्चों का मेडिकल टेस्ट और मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
इनका कहना है
उच्च कक्षाओं को लगाने की प्लानिंग चल रही है। राष्ट्रीय बाल आयोग से सुझाव मांगा गया है। स्कूल खुलेंगे तो कम संख्या में बच्चों को बुलाया जाएगा। प्रायमरी के बच्चों को अभी नहीं बुलाया जाएगा।
जयश्री कियावत, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय
प्राथमिक स्कूलों का खुलना तय नहीं, जुलाई से छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं ही लगेंगी
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