अशोकनगर, राज्य सरकार भले ही थैलेसिमिया पीडि़त बच्चों की चिंता करते हुए हर संभव व्यवस्थाएं करने का प्रयास कर रही हो, लेकिन इस मामले में स्थानीय जिला चिकित्सालय इन रोगी बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करता नजर आ रहा है, जहां कि पिछले 3 माह से इन बच्चों के लिए उपयोगी दवा तक नहीं है। हैरत की बात यह है कि जिस दौर में खुद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु शर्मा चिकित्सालय के अधीक्षक हैं, उस दौर में भी अस्पताल में बच्चों को यह दवा नहीं मिल पा रही है। असल में मामला यह है कि थैलेसिमिया पीडि़त बच्चों के इलाज में चिकित्सकों द्वारा उनके लिए डेसीरोक्स 500 देने की सलाह दी जाती है, लेकिन अशोकनगर जिला चिकित्सालय में पिछले तीन माह से यह दवा नहीं मिल पा रही है। नतीजा जिले भर के बच्चों व उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में भी इसी तरह के हालात बनने पर ब्लड ग्रुप से सम्बद्ध प्रियेश शर्मा द्वारा इस ओर हरेक का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया था, तब कहीं जाकर जिला चिकित्सालय में उक्त दवा आई थी, लेकिन वह फिर खत्म हो गयी है और इसके बाद पिछले तीन माह से दवा फिर नहीं आई है, नतीजा बच्चों के परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है, क्योंकि बाजार से उक्त दवाओं का खर्च प्रतिमाह 3 हजार रुपये बैठता है। जबकि गुना, शिवपुरी, सागर व विदिशा सहित अनेक जिलों में पीडि़त बच्चों को यह दवा जिला चिकित्सालय से उपलब्ध हो रही है।