नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में काफी राहत दी है। इसके साथ ही केंद्र ने जोन तय करने का अधिकार भी राज्यों को दे दिया है। नतीजा, कई राज्यों में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइन का पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा। लॉकडाउन 4.0 में उनकी यह लापरवाही कोरोना संकेमण को पांव पसारने का मौका दे रही है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय दो दिन पहले एडवायजरी जारी कर चुका है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार पर रोकथाम के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों में शामिल सभी उपायों का सख्ती से कार्यान्वयन आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार, लापरवाही बरतने वाले राज्यों को अब केंद्र सरकार चेतावनी देने की तैयारी कर रही है। यह भी संभव है कि कुछ राज्यों के लिए अलग से नई गाइडलाइन भी जारी कर दी जाएं। अभी जो उल्लंघन सामने आ रहे हैं, उनमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का इस्तेमाल, विभिन्न जोन के लिए निर्धारित मापदंड, रात्रि कफ्र्यू और आरोग्य सेतु एप का प्रयोग न करना, आदि शामिल हैं।
कई राज्यों में आदेश का पालन नहीं
पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, पंजाब, बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कई जगहों पर उक्त आदेशों की जमकर अवहेलना हो रही है। किन लोगों के लिए ये सुविधा चालू करने की बात कही गई है, इसे किनारे रख दिया गया है। मनमर्जी से होटल शुरु हो गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क, इन दोनों नियमों का उल्लंघन हो रहा है। बाजार में भी सामाजिक दूरी का नियम टूटने लगा है। पहले दो तीन दिन तक तो दुकानों के आसपास सैनिटाइजर का इस्तेमाल होता हुआ दिखा, लेकिन उसके बाद लोग पहले वाले अंदाज में आ गए।
सामाजिक दूरी का नियम तार-तार
कंटेनमेंट जोन को छोड़कर, जिन जगहों पर बसें चलाई गई हैं, वहां भी सामाजिक दूरी का नियम तोड़ा जा रहा है। बस ड्राइवर और कंडक्टर की जांच नहीं हो रही। ये हिदायत दी गई कि 65 साल से अधिक उम्र वालों को बाहर नहीं निकलना है, अनेक जगहों पर इस आयु के लोग भी अपने घरों से बाहर देखे गए हैं। टिकट और पैसे का आदान प्रदान कैसे करना है, ये सब काम पहले की तरह हो रहे हैं। बसों को 24 घंटे में केवल एक बार, वो भी कुछ ही राज्यों में सैनिटाइज किया जा रहा है।
लॉकडाउन 4.0 में राज्यों की लापरवाही से बढ़ रहा संकट
