चिंता बढ़ी कोरोना के लगातार तीसरे दिन मिले 6,000 से अधिक संक्रमित

नई दिल्ली, कोरोना वायरस संक्रमण भारत में अब 1 लाख 38 हजार लोगों तक पहुंच गया है। रविवार को लगातार तीसरे दिन रात 10 बजे तक 6,575 कोरोना वायरस संक्रमित मिल चुके थे। इस प्रकार देश में अब तक इस वायरस के प्रकोप से 4,013 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 57,429 लोग ठीक हो गए हैं।
महाराष्ट्र में संक्रमण तेजी से फैल रहा है रविवार को भी यहां पर 3041 नए मामले सामने आए। राज्य में कोरोनावायरस पीड़ितों की संख्या बढ़कर 50,231 हो गई है। इनमें से 14,600 ठीक हो चुके हैं जबकि 1,635 की मौत हो गई है। मुंबई महानगर में ही 30,542 कोरोना वायरस संक्रमित हैं।
तमिलनाडु में रविवार को फिर बड़ी संख्या में नए संक्रमित मिले। यहां 765 नए मामले सामने आए और पीड़ितों की संख्या बढ़कर 16,27 हो गई। जिनमें से 112 की मौत हो चुकी है, जबकि 8,324 ठीक हो चुके हैं। गुजरात में भी रविवार को 394 नए संक्रमित जलने के साथ पीड़ितों की संख्या बढ़कर 14,063 हो गई। इनमें से 858 की मौत हो चुकी है और 6,412 ठीक हो चुके हैं। देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 508 नए मामले सामने आए। इस प्रकार पीड़ितों की संख्या बढ़कर 13,418हो गई जिनमें से 261 की मौत हो चुकी है, जबकि 6,540 ठीक हो चुके हैं। इससे साफ पता चलता है कि अन्य राज्यों के मुकाबले इन चारों राज्यों में कोरोनावायरस का फैलाव तेजी से हो रहा है। हालांकि राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी प्रतिदिन 100 से लेकर 200 के बीच मरीज मिल रहे हैं। जनसंख्या के घनत्व को देखते हुए इन राज्यों में कोरोनावायरस का फैलाव अपेक्षाकृत कम है। उत्तरप्रदेश – बिहार जैसे अनेक राज्यों में प्रवासी मजदूरों के पहुंचने से संक्रमण की रफ्तार तेज हुई है। सिक्किम में भी मरीज मिलने के कारण अब देश के अधिकांश राज्यों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल चुका है। सुकून की बात यह है कि लगभग 41.26 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।
इस बीच अनेक राज्यों ने ग्रीन क्षेत्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट लागू करने सहित अनेक रियायत दी हैं। कर्नाटक जैसे राज्यों ने सरकारी क्वॉरेंटाइन का समय 14 दिन से घटाकर 7 दिन कर दिया है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मरीज रविवार रात 10 बजे तक 72,990 की संख्या में थे। मरीजों की यह संख्या चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसमें जून माह के अंत तक कई गुना वृद्धि होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में जब देश में लाखों सक्रिय कोरोनावायरस संक्रमित मरीज होंगे तो उन्हें उचित इलाज किस तरह दिया जाएगा यह सबसे बड़ा सवाल है। कई राज्यों ने इस आशंका को देखते हुए इमरजेंसी सेवाओं को दुरुस्त करने की कोशिश की है और बड़ी संख्या में मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल में बिस्तर रिजर्व रखने का काम शुरू किया है। लेकिन इसका असर उन मरीजों पर आ सकता है जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। हृदय रोग, किडनी, लीवर के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों को कोरोनावायरस के फैलाव के साथ इलाज मिलने में दिक्कत आ सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी आशंका जताई है कि कोरोनावायरस के फैलने के साथ ही छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं के टीकाकरण में देरी हो सकती है।

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