रायपुर, पीडब्ल्यूडी ने अपने बजट में 2000 करोड़ की कटौती करने का फैसला किया है। इस साल नई विधानसभा और नए जिले गौरेला.पेंड्रा.मरवाही में कंपोजिट बिल्डिंग बनाने की योजना रद्द कर दी है। फिलहाल जैसी स्थिति में वहां दफ्तर लग रहे हैं उसी स्थिति में ही रहेंगे। राज्य की वित्तीय स्थिति के मद्देनजर पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने यह फैसला लिया है। इस साल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार ने जो 700 करोड़ दिए हैं उसी से सड़क पुल.पुलिया या बिल्डिंग के काम किए जाएंगे। हालांकि लोगों को रोजगार मिले इसलिए 300 करोड़ के काम के लिए टेंडर जारी किए गए हैं।
लॉकडाउन के कारण राज्य को राजस्व में बड़ा नुकसान हुआ है। इस वजह से सरकार ने वित्तीय कटौती की शुरुआत कर दी है। इसी कड़ी में पीडब्ल्यूडी मंत्री सीरी साहू ने बुधवार को सचिव सिद्धार्थ परदेसी ईएनसी वीके भतप्रहरी व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक ली। इस साल पीडब्ल्यूडी के लिए बजट में 6500 करोड़ का प्रावधान था। इसमें 30 फीसदी की कटौती कर 4500 करोड़ खर्च करने का फैसला लिया गया है। जो कार्य स्वीकृत हो चुके हैंए उनके टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिससे दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों को काम उपलब्ध कराया जा सके। एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से सड़क के काम के लिए तीन हजार करोड़ कर्ज लेने का प्रस्ताव बना है। इस राशि से आगामी काम जारी रखे जाएंगे।
सामान्य क्षेत्र के काम जारी रहेंगे
विभाग ने तय किया है कि सामान्य क्षेत्र के अंतर्गत जो भी काम आते हैं वे जारी रहेंगे। इनमें सामान्य क्षेत्र में सड़कों के लिए 850 करोड़ अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिए 400 करोड़ अनुसूचित जाति क्षेत्र के लिए 1000 करोड़ और एडीबी के अंतर्गत 620 करोड़ के जारी होंगे।
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने इंजीनियरों के प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है। प्रोबेशन पीरियड पूरा कर चुके इंजीनियरों को उप संभाग में पदस्थ किया जाएगा। विभाग के सभी संवर्गों में लंबे समय से प्रमोशन की प्रक्रिया रुकी हुई थी। मंत्री ने गोपनीय प्रतिवेदन व अन्य जानकारियां मंगाकर प्रमोशन के लिए कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जो ठेकेदार टेंडर के बाद अनुबंध नहीं करते उनका एफडीआर राजसात करने के निर्देश दिए हैं।
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