भोपाल, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के विधायकों ने राजधानी भोपाल में अपने सरकारी बंगलों को खाली करना शुरू कर दिया है। संपदा दफ्तर ने इसके लिए इन्हें 20 मई तक का समय दिया था। यह समय सीमा खत्म होने से पहले ही पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट का बंगला उनकी गैर-मौजूदगी में सील कर दिया गया था। इसके ठीक एक दिन बाद यानी गुरुवार को कई पूर्व मंत्रियों का सामान शिफ्ट होने लगा।
सरकारी बंगला खाली करने की शुरुआत पूर्व जल संसाधन मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने की। गुरुवार को उन्होंने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया। कराड़ा के निवास पर संबंधित विभाग के अफसरों ने पहुंचकर अपना सामान लिया।
गोविंद सिंह किराये के घर में शिफ्ट होंगे
वहीं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने एक दिन पहले कहा था कि उन्होंने सरकारी आवास को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि विधायक की पात्रता के अनुसार सरकारी घर मिलने पर वो मंत्री का बंगला खाली करेंगे। लेकिन गुरुवार को वो भी अपना बंगला खाली करने पर राजी हो गए। गोविंद सिंह ने कहा जब तक उन्हें विधायक की पात्रता के मुताबिक घर नहीं मिल जाता तब तक किराए के मकान में शिफ्ट हो जाएंगे। उन्होंने कहा वो एक-दो दिन में सरकारी घर खाली कर देंगे। दूसरे पूर्व मंत्रियों ने भी अपने लिए नया ठिकाना तलाशना शुरू कर दिया है। ज्यादातर मंत्री अपने करीबियों के यहां शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे हैं।
लॉकडाउन में सख्ती
दरअसल मार्च में कमलनाथ सरकार गिरने के पांच दिन बाद मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में लॉकडाउन लागू हो गया था। इसलिए पूर्व मंत्रियों को अपना सरकारी बंगला खाली करने का वक्त नहीं मिल पाया। लेकिन शिवराज सरकार ऐसे कठिन समय में अब इन पूर्व मंत्रियों के घर खाली कराने पर तुल गई है। तरुण भनोट की गैर-मौजूदगी में उनका बंगला सील कर दिया गया। पूर्व मंत्रियों के लिए समस्या है कि वो कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन के कारण अभी सामान कैसे शिफ्ट करें और कहां जाएं। कुछ पूर्व मंत्रियों ने अपने करीबी रिश्तेदारों के यहां सामान शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है। जबकि कुछ भोपाल में बने अपने मकान में शिफ्ट हो रहे हैं। और जिनका कहीं ठिकाना नहीं है वो किराये का घर ढूंढ रहे हैं।
22 पूर्व मंत्रियों को नोटिस
बता दें कि गृह विभाग ने 22 पूर्व मंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी किया था। उसके बाद सभी को 20 मई की शाम तक सरकारी आवास खाली नहीं करने पर बेदखली का नोटिस दे दिया गया था। इसकी शुरुआत संपदा विभाग ने पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट के सरकारी बंगले से कर दी थी।